महिला आरक्षण में ओबीसी को भी शामिल करने की मांग कई दलों ने की। इनमें कांग्रेस भी है जिसने 2010 में राज्यसभा से पारित महिला आरक्षण बिल में ओबीसी को आरक्षण का प्रविधान नहीं किया था।
इस बार सोनिया गांधी संग राहुल गांधी ने भी ओबीसी महिलाओं को आरक्षण देने की मांग की। राहुल ने सरकार पर ओबीसी की अनदेखी का आरोप भी लगाया।
पिछले कई वर्षों से लंबित महिला आरक्षण विधेयक अंततः संसद के दोनों सदनों से पास हो गया। नारी शक्ति वंदन नाम वाला यह विधेयक लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटों का आरक्षण सुनिश्चित करेगा।
यह विधेयक कानून का रूप लेने के बाद कुछ वर्षों बाद ही अमल में आ सकेगा, क्योंकि उसे लागू करने के पहले जनगणना होगी और फिर परिसीमन। परिसीमन आयोग ही तय करेगा कि कौन सी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। फिलहाल महिला आरक्षण की व्यवस्था 15 वर्ष के लिए की गई है। 15 वर्ष बाद इसकी समीक्षा होगी और संसद चाहेगी तो उसे आगे बढ़ा सकती है।