UN: अमेरिकी दूत ने कहा- उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण संयुक्त राष्ट्र का ‘मजाक’ बनाते हैं, एकता का किया आग्रह
अमेरिका ने रूस और चीन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आगे की कार्रवाई से उत्तर कोरिया को सुरक्षा प्रदान करने का आरोप लगाया और कहा कि यह जोड़ी प्योंगयांग के बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण को सही ठहराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
संयुक्त राष्ट्र (UN) में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का ‘मजाक’ उड़ाते हैं।
उन्होंने सभी देशों से उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के खिलाफ एक होने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने उत्तर कोरिया का परोक्ष रूप से साथ देने के लिए चीन और रूस की आलोचना की। न्यूज एजेंसी एएफपी ने यह जानकारी दी है।
अमेरिका ने रूस और चीन पर लगाया आरोप
अमेरिका ने रूस और चीन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आगे की कार्रवाई से उत्तर कोरिया को सुरक्षा प्रदान करने का आरोप लगाया और कहा कि यह जोड़ी प्योंगयांग के बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण को सही ठहराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उत्तर कोरिया, जिसे औपचारिक रूप से डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) के रूप में जाना जाता है, ने कई मिसाइलें दागीं, जिनमें एक संभावित विफल अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल भी शामिल है। इसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, अल्बानिया, आयरलैंड और नॉर्वे ने सुरक्षा परिषद से शुक्रवार को एक बैठक बुलाने का अनुरोध किया था।
लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने रूस और चीन का जिक्र करते हुए परिषद में कहा कि “आपको सुरक्षा परिषद की जिम्मेदारियों को छोड़ने की जरूरत नहीं है क्योंकि डीपीआरके यूक्रेन में आपके आक्रमण के युद्ध को बढ़ावा देने के लिए आपको हथियार बेच सकता है, या क्योंकि आपको लगता है कि वे अमेरिका के खिलाफ एक अच्छा क्षेत्रीय प्रतिरोध बनाते हैं।”
चीन और रूस ने अमेरिका पर लगाया यह आरोप
राजनयिकों ने कहा कि रूस और चीन के उत्तर कोरिया की नवीनतम मिसाइल परीक्षण पर सुरक्षा परिषद की किसी भी कार्रवाई के लिए सहमत होने की संभावना नहीं है। वहीं, चीन और रूस के प्रतिनिधियों ने अमेरिका पर दक्षिण कोरिया के साथ बड़े पैमाने पर संयुक्त सैन्य अभ्यास कर तनाव भड़काने का आरोप लगाया।
चीन ने अमेरिका को दी यह नसीहत
चीन के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत झांग जून (Zhang Jun) ने कहा कि अमेरिका को तनाव बढ़ाने के बजाय उत्तर कोरिया के साथ सार्थक बातचीत की बहाली के लिए स्थितियां बनानी चाहिए। झांग ने कहा कि “सुरक्षा परिषद पर हमेशा दबाव बनाने के बजाय रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए। मौजूदा परिस्थितियों में, परिषद को विशेष रूप से टकराव को कम करने, तनाव कम करने और राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए।”
10 सदस्यों ने उत्तर कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपण की निंदा की
बैठक के बाद पत्रकारों को दिए गए एक संयुक्त बयान में सुरक्षा परिषद के निर्वाचित 10 सदस्यों ने उत्तर कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपण की निंदा की और अंतरराष्ट्रीय निकाय से इस मामले पर एकजुट होकर आवाज उठाने का आह्वान किया। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को इससे पहले उत्तर कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपण की निंदा की और प्योंगयांग से आग्रह किया कि वह तत्काल कोई भी भड़काऊ कार्रवाई करने से परहेज करें और कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण के उद्देश्य से वार्ता फिर से शुरू करने के लिए तत्काल कदम उठाएं।
परमाणु और मिसाइल प्रौद्योगिकियों का प्रसार चिंता का विषय: भारत
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि “परमाणु और मिसाइल प्रौद्योगिकियों का प्रसार चिंता का विषय है, और उनका भारत सहित अन्य क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कंबोज ने कहा कि हमने अतीत में डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) द्वारा लॉन्च की गई हालिया बैलिस्टिक मिसाइलों पर अपनी चिंता व्यक्त की है और अब हमने दो नवंबर को डीपीआरके द्वारा अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) के एक और लॉन्च की रिपोर्टें देखी हैं।
रुचिरा कंबोज ने कहा कि ये प्रक्षेपण डीपीआरके से संबंधित सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन है। वे क्षेत्र और उससे आगे की शांति और सुरक्षा को प्रभावित करते हैं। भारत ने उत्तर कोरिया से संबंधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के पूर्ण कार्यान्वयन का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि हम कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और सुरक्षा की दिशा में परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अपने निरंतर समर्थन को दोहराते हैं, यह हमारा सामूहिक हित है। हम कोरियाई प्रायद्वीप में मुद्दों को हल करने के साधन के रूप में बातचीत और कूटनीति का समर्थन करना जारी रखेंगे।