IMD Foundation Day: तीन घटनाएं और फिर 1875 में हुई थी IMD की स्थापना, पीएम मोदी आज करेंगे ‘मिशन मौसम’ का शुभारंभ

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ब्रिटिश काल के दौरान 1875 में स्थापित भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) 15 जनवरी को अपनी स्थापना के 150 वर्ष पूरे करने जा रहा है।

एक साधारण शुरुआत से लेकर आज अत्याधुनिक तकनीक तक IMD ने 150 वर्षों का एक लंबा सफर तय किया है। इसका गठन 1864 में कलकत्ता (अब कोलकाता) में आए विनाशकारी चक्रवात और 1866 एवं 1871 में लगातार मानसून का पूर्वानुमान न कर पाने के बाद हुआ था। लेकिन, आज इसका शुमार दुनिया के सबसे सर्वश्रेष्ठ मौसम एजेंसी के रूप में होता है।

साल 1875 में कुछ वर्षामापी यंत्रों से शुरुआत करने से लेकर विश्व की सर्वश्रेष्ठ मौसम एजेंसियों से प्रतिस्पर्धा करने तक, IMD ने एक साधारण सेटअप से मौसम विज्ञान के अत्याधुनिक केंद्र में तब्दील होने के साथ-साथ पूर्वानुमान लगाने में वैश्विक नेता बनने तक का सफर तय किया है।

स्थापना दिवस समारोह में भाग लेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज मंगलवार 14 जनवरी को भारत मंडपम में आइएमडी के 150वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में भाग लेंगे। वह देश को ‘मौसम के प्रति तैयार और जलवायु के प्रति स्मार्ट’ राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के साथ ‘मिशन मौसम’ का शुभारंभ करेंगे।

वह मौसम संबंधी अनुकूलता और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए आइएमडी विजन-2047 दस्तावेज भी जारी करेंगे। इसमें मौसम पूर्वानुमान, मौसम प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन शमन की योजनाएं शामिल हैं। समारोह को यादगार बनाने के लिए 150 रुपये के विशेष स्मारक सिक्के और डाक टिकट भी जारी किए जाएंगे।

मौसम पूर्वानुमान में महारत
तत्कालीन भारत सरकार के पहले मौसम विज्ञान रिपोर्टर थे एचएफ ब्लैंडफोर्ड
उन्होंने 77 वर्षामापी यंत्रों के आंकड़ों का उपयोग करके पहला वर्षा मानचित्र तैयार किया था
आइएमडी के पास 39 डापलर मौसम रडार, क्लाउड अपडेट प्रदान करने वाले इनसैट उपग्रह
806 स्वचालित मौसम स्टेशन, 200 एग्रो-एडब्ल्यूएस, और 5,896 वर्षा निगरानी स्टेशन भी
83 बिजली सेंसर, 63 पायलट बैलून स्टेशनों का मजबूत नेटवर्क संचालित करता है आइएमडी
प्रमुख प्रगति में तीव्र गंभीर मौसम आकलन, 6 मिनट के चक्रवात स्कैन, उन्नत उपग्रह प्रणाली
उन्नत संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान माडल से कुछ घंटों से लेकर पूरे मौसम तक का पूर्वानुमान

मृत्युंजय महापात्र, आइएमडी के महानिदेशक ने बताया कि 2014 की तुलना में 2023 में जटिल मौसम की घटनाओं के लिए पूर्वानुमान सटीकता में लगभग 50 प्रतिशत सुधार हुआ। इससे विषम मौसम की घटनाओं के दौरान जान-माल की हानि में काफी कमी आई है।

पाकिस्तान को भी भेजा गया है न्योता
पीएम मोदी आज ‘मिशन मौसम’ की शुरुआत करेंगे और आईएमडी विजन-2047 का दस्तावेज जारी करेंगे। इवेंट को ‘अविभाजित भारत’ का नाम दिया गया है।

इंडियन मेटियरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने उन देशों को आमंत्रित किया है जो 150 साल पहले इसकी स्थापना के समय भारत का हिस्सा थे। इनमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान, म्यांमार, भूटान, नेपाल, श्रीलंका और मालदीव के अलावा मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया के देश भी शामिल हैं।

बांग्लादेश IMD के 150वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल नहीं होगा। वहां के अधिकारियों ने सरकारी खर्च पर गैर-जरूरी विदेश यात्राओं पर प्रतिबंधों का हवाला देते हुए यह फैसला लिया है। वहीं, पाकिस्तान ने इस कार्यक्रम में अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है।

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