दक्षिण कश्मीर में स्थित अमरनाथ मंदिर की वार्षिक यात्रा एक जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगी.
अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. दक्षिण कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा में शिवलिंग के दर्शन के लिए यह तीर्थ यात्रा प्रत्येक वर्ष आयोजित होती है. यात्रा के लिए पंजीकरण 17 अप्रैल से शुरू होगा.
राजभवन में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की 44वीं बैठक में तीर्थयात्रा का कार्यक्रम तय किया गया. उपराज्यपाल सिन्हा ने तीर्थयात्रा के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि प्रशासन सुचारू और निर्बाध तीर्थ यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा, ‘‘परेशानी मुक्त तीर्थ यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की सर्वोच्च प्राथमिकता है. प्रशासन आने वाले सभी श्रद्धालुओं और सेवा प्रदाताओं को सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सेवा और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगा.” उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘तीर्थ यात्रा के सुचारू और निर्बाध संचालन के लिए आवास, बिजली, पानी, सुरक्षा एवं अन्य व्यवस्थाओं में सभी संबंधित विभाग जुटे हुए हैं.”
उन्होंने कहा कि यात्रा अनंतनाग जिले के पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले के बालटाल मार्ग दोनों से ही एक साथ शुरू होगी. श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) भक्तों के लिए सुबह और शाम की प्रार्थना का सीधा प्रसारण भी करेगा. तीर्थ यात्रा, यात्रा के मार्ग में मौसम की तत्काल जानकारी और कई सेवाओं का ऑनलाइन लाभ उठाने के लिए गूगल प्ले स्टोर पर एक ऐप भी उपलब्ध कराया गया है.