नया संसद भवन राष्ट्र को समर्पित, प्रधानमंत्री ने स्पीकर के आसन के पास सेंगोल किया स्थापित

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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत 970 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए नए संसद भवन को रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को समर्पित किया.

सम्पूर्ण वैदिक विधि विधान से नए भवन का उद्घाटन किया गया, जिसके दौरान प्रधानमंत्री ने ‘सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक’ सेंगोल (धर्मदंड या राजदंड) को भी लोकसभा स्पीकर के आसन के पास स्थापित किया.

रविवार को सुबह-सुबह सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में नए संसद भवन परिसर में हवन-पूजन किया गया. 7:30 बजे शुरू हुई पूजा के अवसर पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी मौजूद थे.

प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के शृंगेरी मठ के पुजारियों द्वारा किए गए वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर आशीर्वाद देने के लिए देवताओं का आह्वान करने के लिए ‘गणपति होम’ किया.

इस अवसर पर PM नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु से आए शैव पुरोहितों से सेंगोल स्वीकार किया, उसे साष्टांग दण्डवत किया, और फिर उसे लोकसभा भवन में स्थापित किया. सेंगोल को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के निकट स्थापित किया गया.

नया संसद भवन राष्ट्र को समर्पित किए जाने के अवसर पर केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेशमंत्री एस. जयशंकर, विज्ञान एवं तकनीक मंत्री जितेंद्र सिंह, कई राज्यों के मुख्यमंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा भी उपस्थित थे.

नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन श्रमिकों को सम्मानित किया, जिनका योगदान संसद भवन के निर्माण में रहा है.

भव्य उद्घाटन समारोह के दौरान सर्व धर्म प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया, जिसके दौरान अनेक राज्यों से अनेक भाषाओं में परमात्मा का स्मरण किया गया.

संसद का अब तक प्रयोग होता रहा भवन वर्ष 1927 में बनाया गया था, और अब उसकी आयु 96 वर्ष हो चुकी है. पिछले काफी अरसे से पुराने संसद भवन को आज की ज़रूरतों के मुताबिक अपर्याप्त माना जा रहा था.

नए संसद भवन में लोकसभा चैम्बर में 888 तथा राज्यसभा चैम्बर में 300 सदस्य बैठ सकते हैं. संसद के संयुक्त अधिवेशन के लिए लोकसभा चैम्बर में 1,280 सांसदों को बिठाया जा सकता है.

टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा निर्मित नए संसद भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए भव्य संविधान कक्ष, सांसदों के लिए लाउंज, पुस्तकालय, समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान है.

त्रिभुज के आकार में बनी चार-मंज़िला इमारत में 64,500 वर्ग मीटर का निर्मित क्षेत्र है. इसमें तीन मुख्य द्वार – ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार – हैं. यहां सांसदों, VIP और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं.

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