अमेरिका में शिक्षा विभाग पर लगेगा ‘ताला’, राष्ट्रपति ट्रंप ने आदेश पर किए हस्ताक्षर

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शिक्षा विभाग को ‘बंद’ करने को लेकर एक आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.

ट्रंप की पार्टी का यह दशकों पुराना लक्ष्य था. अमेरिका की मौजूदा सरकार चाहती है कि अलग-अलग राज्य संघीय सरकार से मुक्त होकर अपने स्कूलों को चलाएं. व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम में स्थापित डेस्कों पर बैठे स्कूली बच्चों से घिरे ट्रम्प ने एक विशेष समारोह में इस आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं.

इस मौके पर ट्रंप ने कहा कि हम इसे बंद करने जा रहे हैं और इसे जल्द से जल्द बंद करेंगे। इससे हमें कोई फायदा नहीं होने वाला है. हम शिक्षा को उन राज्यों में वापस लौटाएंगे जहां इसकी जगह है.

आपको बता दें कि अमेरिका में बने कानून के अनुसार, 1979 में बनाए गए शिक्षा विभाग को कांग्रेस की मंजूरी के बिना बंद नहीं किया जा सकता है. और ट्रंप के पास इसे आगे बढ़ाने के लिए वोट नहीं हैं. हालांकि ट्रंप कार्यकारी आदेश पर साइन करके ऐसा करना चाहते हैं. कुल मिलाकर उनके लिए लीगल परेशानी बनी रहेगी.

शिक्षा विभाग को आखरि ट्रंप ने क्यों किया ‘बंद’?

ट्रंप ने राष्ट्रपति की कुर्सी पर वापसी के लिए अपने चुनावी कैंपेन में एक वादा किया था- वादा था कि शिक्षा का विकेंद्रीकरण करने का. यानी केंद्र सरकार के हाथ में शिक्षा की बागड़ोर नहीं होगी. उन्होंने कहा था कि वह विभाग की शक्तियों को राज्य सरकारों को सौंप देंगे, जैसा कि कई रिपब्लिकन दशकों से चाहते थे.

बता दें कि परंपरागत रूप से, अमेरिका में शिक्षा में फेडरल सरकार (केंद्रीय सरकार) की सीमित भूमिका रही है. प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों के लिए केवल 13 प्रतिशत फंड केंद्र के खजाने से आता है. बाकी राज्यों और स्थानीय समुदायों द्वारा वित्त पोषित किया जाता है. लेकिन कम आय वाले स्कूलों और विशेष जरूरतों वाले छात्रों के लिए केंद्र से आने वाला फंड अमूल्य है, उनके चलने का जरीया है. अब तक फेडरल सरकार छात्रों के लिए प्रमुख नागरिक अधिकार सुरक्षा लागू करने में आवश्यक रही है.

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