तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने प्रवासी श्रमिकों से की मुलाकात

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने राज्य में प्रवासी श्रमिक समुदाय तक पहुंच बनाने के प्रयास के तहत मंगलवार को यहां एक इकाई में श्रमिकों के एक समूह के साथ बातचीत की.

मुख्यमंत्री का यह कदम राज्य में प्रवासी श्रमिकों में से कुछ पर हमलों के कथित फर्जी वीडियो को लेकर प्रवासी श्रमिकों के बीच फैली आशंकाओं के मद्देनजर आया है. इसने बिहार सरकार को स्थिति का जायजा लेने के लिए एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए प्रेरित किया था.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि स्टालिन ने जिले में हाथ के दस्ताने बनाने वाली कंपनी कणम लेटेक्स का दौरा किया और प्रवासी श्रमिकों के साथ बातचीत कर उनकी कुशलक्षेम पूछी. स्टालिन ने प्रवासी श्रमिकों के साथ कुछ मुद्दों को लेकर चर्चा की जैसे वे तमिलनाडु में कितने समय से हैं, क्या स्थानीय लोगों ने उनके साथ अच्छा व्यवहार किया और क्या उन्हें किसी दिक्कत का सामना करना पड़ा.

विज्ञप्ति के अनुसार श्रमिकों ने उन्हें बताया कि उनके पास काम का अच्छा माहौल है, कुछ तमिलनाडु में पांच साल से अधिक समय से रह रहे हैं, उनमें से कई अपने परिवारों के साथ हैं और स्थानीय लोग उनके साथ भाईचारे का व्यवहार कर रहे हैं. श्रमिकों ने राज्य सरकार द्वारा मदद दिया जाना स्वीकार करते हुए उन्हें बताया कि उन्हें कोई भय नहीं है और वे यहां उसी तरह से सुरक्षित महसूस करते हैं जैसे वे अपने मूल स्थानों पर करते हैं.

विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘मुख्यमंत्री स्टालिन ने उनसे अफवाहों में नहीं आने को कहा और यह भी कहा कि राज्य सरकार सभी राज्यों के श्रमिकों को सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान कर रही है.” उस वीडियो क्लिप के प्रसार के संबंध में जिसकी सामग्री को लेकर यह अफवाह फैली कि तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमला किया गया, झारखंड निवासी एक श्रमिक को पुलिस द्वारा चेन्नई के पास से गिरफ्तार किया गया.

तमिलनाडु में काफी संख्या में प्रवासी श्रमिक रहते हैं जिनमें से कई बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से हैं. इन श्रमिकों में से कई निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं. इस बीच, बिहार सरकार के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने चेन्नई में अधिकारियों और श्रमिकों से मुलाकात की और कथित फर्जी वीडियो सामने आने के बाद राज्य सरकार की कार्रवाई को लेकर संतोष व्यक्त किया. इसने पहले प्रतिनिधिमंडल ने तिरुपुर और कोयम्बटूर का दौरा किया, दोनों जगह बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक काम करते हैं.

बिहार ग्रामीण विकास सचिव डी बालमुरुगन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वीडियो प्रसारित होने के बाद तमिलनाडु सरकार ने कार्रवाई की है. उन्होंने कहा, ‘‘वीडियो सामने आने के बाद कुछ आशंकाएं थीं लेकिन अब चीजें स्पष्ट हो गई हैं.”पटना में द्रमुक के वरिष्ठ नेता एवं सांसद टी. आर. बालू ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और बिहार सहित राज्यों के प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा के लिए तमिलनाडु सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर स्टालिन द्वारा भेजी गई एक रिपोर्ट सौंपी.

द्रमुक के उप महासचिव ए राजा ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान पर निशाना साधा और कहा कि लोजपा नेता बिहार में ‘‘भाजपा की बी-टीम” होने की अपनी राजनीति कर सकते हैं, लेकिन तमिलनाडु में नहीं. राजा ने एक बयान में कहा कि द्रमुक प्रमुख स्टालिन का सामाजिक न्याय आधारित समावेशी विकास का द्रविड़ मॉडल अगले साल लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील ताकतों का शासन स्थापित करने में मदद करेगा.

पासवान 6 मार्च को चेन्नई में थे और उन्होंने राज्यपाल आर एन रवि से मुलाकात की थी और बिहार के श्रमिकों पर हमले के आरोपों की गहन जांच की मांग करते हुए इस मुद्दे पर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा था. इस बीच तमिलनाडु सरकार ने मंगलवार को कहा कि बिहार, बिहार और झारखंड की आधिकारिक टीमों ने राज्य का दौरा किया और तमिलनाडु में कार्यरत अपने राज्यों के श्रमिकों के साथ बातचीत की और श्रमिकों ने उन्हें बताया कि उनके पास एक शांतिपूर्ण कार्य वातावरण है.

तमिलनाडु सरकार ने कहा कि श्रमिकों पर हमले के फर्जी वीडियो के सोशल मीडिया में प्रसार से प्रवासी श्रमिकों में छोटे पैमाने पर बेचैनी हुई. सरकार ने कहा कि पुलिस द्वारा मामले दर्ज करने सहित सरकार द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई और मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने और कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी. साथ ही सरकार की ओर से 7 मार्च को तिरुनेलवेली जिले में बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के मजदूरों के साथ मुख्यमंत्री स्टालिन की बातचीत का भी उल्लेख किया गया.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि झारखंड के डीआईजी और उनकी टीम ने श्रम विभाग के अधिकारियों सहित तमिलनाडु के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की. साथ ही उन्होंने निर्माण कार्य में लगे झारखंड के श्रमिकों से मुलाकात की और शांतिपूर्ण जमीनी स्थिति के बारे में जाना.

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