भतीजे अजित पवार की बगावत पर सोनिया गांधी ने शरद पवार से बात की, समर्थन दिया
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि, "सीपीपी चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने शरद पवार से फोन पर बात की है और स्थिति पर चर्चा की है और उन्हें समर्थन दिया है, इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने शरद पवार से बात की थी."
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में टूट के बाद कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार से फोन पर बात की और मौजूदा स्थिति पर चर्चा की.
साथ ही उन्हें समर्थन भी दिया. मालूम हो कि एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार रविवार को महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए और राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि, “सीपीपी चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने शरद पवार से फोन पर बात की है और स्थिति पर चर्चा की है और उन्हें समर्थन दिया है, इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने शरद पवार से बात की थी.”
उधर, बगावत के कुछ घंटों बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, ”यह ‘गुगली’ नहीं है, यह डकैती है” और वह पार्टी छोड़ने वालों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं.
अपने भतीजे और पार्टी के आठ अन्य नेताओं के विद्रोह करने और महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, पवार ने कहा कि जो कुछ हुआ उसे लेकर वह चिंतित नहीं हैं. वो पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए काम करेंगे.
उन्होंने पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे के खिलाफ भी कार्रवाई का संकेत देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं किया.
शरद पवार ने कहा कि जो लोग शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल हुए उनमें से कुछ ईडी मामलों का सामना कर रहे थे. अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. आठ अन्य एनसीपी नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली.
शरद पवार ने कहा, “यह ‘गुगली’ नहीं है, यह डकैती है. यह छोटी बात नहीं है.” “मेरे कुछ सहयोगियों ने अलग रुख अपनाया है. मैंने 6 जुलाई को सभी नेताओं की एक बैठक बुलाई थी, जहां कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी और पार्टी के भीतर कुछ बदलाव किए जाने थे, लेकिन उस बैठक से पहले ही कुछ नेताओं ने अलग रुख अपनाया है.”