वर्ष 2024 का अंतिम सूर्य ग्रहण बुधवार को है। भारत में यह न तो दिखेगा और न ही सूतक काल का मान होगा। ऐसे में मंदिर खुलेंगे और पूजन कार्य होगा।
सूर्य ग्रहण नवरात्रि से पहले दो अक्टूबर को लग रहा है। इस दिन पितृ अमावस्या भी है। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि रात 9:13 से सूर्य ग्रहण शुरू होगा और तीन अक्टूबर को सुबह 3:17 बजे समाप्त होगा। वलयाकार सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 6 घंटे चार मिनट होगी। सूर्य ग्रहण कन्या राशि चंद्रमा हस्त नक्षत्र में होगा।
आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि इस दिन सूर्य के साथ चंद्रमा, बुध और केतु उपस्थित रहेंगे, जिन पर गुरु और मंगल की दृष्टि होगी। सूतक काल सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। सूतक काल ग्रहण खत्म होने तक रहता है। सूतक काल उन्हीं जगहों पर लगता है जहां ग्रहण दिखाई देता है।
दो अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। सूतक काल के समय भोजन करने और बनाने की भी मनाही होती है। लेकिन बच्चे, बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति पर ये नियम लागू नहीं होते हैं।
ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्रियों को अपना विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। ग्रहण काल में गर्भवती स्त्रियों को वस्त्र आदि काटने या सिलने अथवा ऐसे अन्य कार्य नहीं करना चाहिए। ग्रहण अमेरिका, अर्जेटीना, अंटार्कटिका, उरुग्वे, होनोलूलू, आर्कटिक, प्रशांत महासागर, पेरी, चिली, और आइलैंड के उत्तरी भाग में दिखाई देगा।
आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि पितृ विसर्जनी अमावस्या को ग्रहण लग रहा है। ग्रहण काल से पहले ही पितरों की विदाई कर लेनी चाहिए। अगले दिन मां के गुणगान का पर्व नवरात्र की शुरुआत होगी। मां के मंदिरों को सजाने का कार्य शुरू हो गया है।