निर्वाचन आयोग की सूची में ‘‘राहुल गांधी के. ई. पुत्र ओ वलसम्मा” का नाम उन लोगों की सूची में शामिल है, जिन्हें चुनाव खर्च का हिसाब नहीं देने के कारण चुनाव लड़ने के लिये अयोग्य घोषित कर दिया गया है.
उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव निर्दलीय के रूप में लड़ा था और केरल की वायनाड सीट से 2196 वोट हासिल किए थे, जहां से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बड़ी जीत दर्ज की थी.
समान नाम वाले निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए चर्चित नेताओं के खिलाफ चुनाव लड़ना आम बात है, लेकिन उन सभी को निर्वाचन आयोग के नियमों और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अन्य अनिवार्य आवश्यकताओं के साथ चुनाव खर्च का लेखा-जोखा प्रस्तुत करना होता है.
संयोग से कांग्रेस नेता को भी पिछले सप्ताह अयोग्य घोषित किया गया था, लेकिन उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले में दोषसिद्धि और सजा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया था.
निर्वाचन आयोग ने 29 मार्च को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 10ए के तहत अयोग्य घोषित व्यक्तियों की एक अद्यतन सूची जारी की. राहुल गांधी के. ई. पुत्र वलसम्मा 13 सितंबर, 2021 से 13 सितंबर, 2024 तक अयोग्य घोषित किए गए हैं.
धारा 10ए के अनुसार, यदि निर्वाचन आयोग इस बात से संतुष्ट है कि कोई उम्मीदवार चुनाव खर्च का लेखा-जोखा समय के भीतर और कानून द्वारा आवश्यक तरीके से दाखिल करने में विफल रहा है और उसके पास कोई वाजिब कारण नहीं है, तो निर्वाचन आयोग, सरकारी राजपत्र में प्रकाशित आदेश, उसे अयोग्य घोषित करता है. इसके साथ ही, ऐसा कोई भी व्यक्ति आदेश की तारीख से तीन साल की अवधि के लिए अयोग्य घोषित किया जाता है.