नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती पर आज देश उन्हें नमन कर रहा है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
नेताजी को सदैव याद रखेंगे- राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नेताजी को याद करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया।
उन्होंने लिखा- ‘मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। नेताजी ने भारत की स्वतंत्रता के लिए असाधारण प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया। उनके अद्वितीय साहस और करिश्मे ने भारतीयों को औपनिवेशिक शासन के खिलाफ निडरता से लड़ने के लिए प्रेरित किया। उनके शक्तिशाली व्यक्तित्व का हमारे स्वतंत्रता संग्राम पर गहरा प्रभाव पड़ा। हमारे देशवासी नेताजी को कृतज्ञतापूर्वक सदैव याद रखेंगे।’
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया नेताजी को याद
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद किया। उन्होंने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के प्रति उनकी अदम्य भावना और अटूट प्रतिबद्धता हम सभी को प्रेरित करती रहती है। आजादी के लिए नेताजी का आह्वान ‘मुझे खून दो और मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ जैसे शक्तिशाली शब्दों में समाहित है, जो इतिहास में आजादी के लिए एक रैली के रूप में गूंजता है। यह दिन भारत को सर्वोपरि रखने और एकजुट, समृद्ध और स्वतंत्र भारत की दिशा में अथक प्रयास करने की याद दिलाता है।
नेताजी के जीवन और साहस का करते हैं सम्मान- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने पराक्रम दिवस पर भारत के लोगों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आज उनकी जयंती पर हम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन और साहस का सम्मान करते हैं। हमारे देश की स्वतंत्रता के प्रति उनका अटूट समर्पण निरंतर प्रेरित करता रहता है।
पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाती है जयंती
बता दें कि 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 में ओडिशा के कटक में बंगाली परिवार में हुआ था।