मणिपुर हिंसा मामले (Manipur violence Case) में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी जारी हुई है.
मणिपुर के हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई. महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कानून प्रवर्तन प्राधिकरण हिंसा को नियंत्रित करने में विफल रही.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कई नई बाते सामने आई हैं. जिसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में हिंसा के अपराधियों के साथ पुलिस की मिलीभगत के आरोपों की भी जांच करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि रैंक,स्थिति, पद की परवाह किए बिना अपराधियों से मिलीभगत करने वाले पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई हो.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी दत्तात्रेय पडसलगीकर को उन आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है जिसमें कहा गया है कि कुछ पुलिस अधिकारियों ने मणिपुर में संघर्ष के दौरान हिंसा (यौन हिंसा सहित) के अपराधियों के साथ मिलीभगत की थी.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को इस जांच को पूरा करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने का आदेश दिया है. महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी दत्तात्रेय पडसलगीकर को जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को दिए जाने का आदेश भी दिया गया है.
इस आदेश के अनुसार, SC ने जांच की धीमी गति की आलोचना की और जांच आयोग को 2 महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. इस रिपोर्ट के सौंपे जाने के बाद ट्रायल को राज्य से बाहर ट्रांसफर करने पर विचार करेंगे.
इससे पहले 7 अगस्त की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केवल मौखिक रूप से आदेश की रूपरेखा दी थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने विस्तृत आदेश जारी कर दिया है.