प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को रूस में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन से मुलाकात की।
जुलाई में ईरान का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद मोदी से इस पहली मुलाकात में पेजेश्कियन ने पश्चिम एशिया में शांति की जरूरत एवं तनाव कम करने में भारत की भूमिका पर बल दिया क्योंकि उसके सभी पक्षों के साथ अच्छे संबंध हैं।
ब्रिक्स सम्मेलन से इतर इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आइएनएसटीसी) पर भी बात हुई। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि राष्ट्रपति पेजेश्कियान के साथ मुलाकात अच्छी रही और उन्होंने रिश्तों की समीक्षा की। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि वार्ता उपयोगी रही।
तनाव पर जताई चिंता
दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया में जारी तनाव पर चिंता जताई और भारत ने नागरिकों की सुरक्षा का आह्वान किया। मिसरी ने बताया कि दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान की स्थिति पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने ईरानी राष्ट्रपति को भारत आने का न्योता दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब इजरायल, हमास और हिजबुल्ला के बीच संघर्ष बढ़ गया है।
पुतिन और जिनपिंग ने की द्विपक्षीय बैठक
उल्लेखनीय है कि बढ़ते तनाव से चिंतित मोदी ने सितंबर में संघर्ष विराम की अपील की थी। उधर, ब्रिक्स सम्मेलन से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी द्विपक्षीय बैठक की। पुतिन ने मंगलवार को ही ब्रिक्स सम्मेलन में आमंत्रित नेताओं के लिए रात्रिभोज का आयोजन भी किया।
भारतीय समुदाय ने किया मोदी का गर्मजोशी से स्वागत
कजान पहुंचने पर भारतीय समुदाय के सदस्यों ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने संस्कृत व हिंदी में गाने गाए और ‘वंदे मातरम’ व ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगाए। प्रधानमंत्री ने हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया। पारंपरिक भारतीय परिधान पहने रूसी कलाकारों ने प्रधानमंत्री के समक्ष रूसी नृत्य प्रस्तुत किया जिसे उन्होंने काफी दिलचस्पी से देखा। कुछ इस्कान सदस्यों ने कृष्ण भजन भी गाए।
जिनपिंग से मिलेंगे पीएम मोदी
रूस के कजान शहर में ब्रिक्स सम्मेलन 2024 का आयोजन हो रहा है। दो दिवसीय सम्मेलन की अध्यक्षता रूस कर रहा है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। इसकी पुष्टि भारतीय विदेश मंत्रालय ने की है।