प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की यूक्रेन यात्रा को लेकर दुनिया की नजर है और उनकी इस यात्रा को काफी उम्मीदों से देखा जा रहा है.
समाचार एजेंसी एएफपी ने व्हाइट हाउस के हवाले से कहा कि अमेरिका ने PM मोदी की युद्ध से प्रभावित यूक्रेन की यात्रा को लेकर संभावना जताई है कि यह मददगार होगी. पीएम मोदी आज करीब 7 घंटे की लंबी ट्रेन यात्रा के बाद यूक्रेन पहुंचे. दोनों देशों के बीच 1992 में द्विपक्षीय संबंध स्थापित होने के बाद से वह यूक्रेन का दौरा करने वाले पहले भारतीय नेता हैं.
पीएम मोदी की यह यात्रा ऐसे वक्त पर हो रही है जब यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पार की है और कुर्स्क में कई रूसी बस्तियों पर नियंत्रण कर लिया है. इसके साथ ही रूस और यूक्रेन संघर्ष एक नए दौर में प्रवेश कर गया है.
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, “अगर PM मोदी की यूक्रेन यात्रा राष्ट्रपति जेलेंस्की के न्यायसंगत शांति के दृष्टिकोण के अनुरूप युद्ध को खत्म करने की दिशा में काम कर सकती है तो हमें लगता है कि यह मददगार होगा.”
पीएम मोदी और जेलेंस्की ने आज संयुक्त बयान में भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक साझेदारी से रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने में अपनी रुचि व्यक्त की है.
PM मोदी ने दोहराया भारत का रुख
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध 24 फरवरी 2022 को शुरू हुआ था. यह साफ था कि बैठक का मुख्य फोकस युद्ध पर ही होगा. इस दौरान PM मोदी ने भारत का रुख दोहराया कि यह “युद्ध का युग नहीं है”. भारत ने संघर्ष का समाधान खोजने के लिए बातचीत और कूटनीति पर जोर दिया है.
संयुक्त बयान में भी भारत ने अपनी सैद्धांतिक स्थिति को ही दोहराया और बातचीत और कूटनीति के जरिए युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान निकालने पर ध्यान केंद्रित किया. यूक्रेनी पक्ष ने भारत की भागीदारी का स्वागत किया और अगले शांति शिखर सम्मेलन में उच्च स्तरीय भारतीय भागीदारी को लेकर अपनी बात रखी.
दोनों देशों को बात करने की जरूरत : जयशंकर
वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कीव में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा को लेकर सवालों के जवाब दिए. उनसे जब पूछा गया कि क्या भारत ने संघर्ष को समाप्त करने के लिए कोई योजना सुझाई है तो उन्होंने कहा, “हम कई अन्य देशों के साथ विचार और चर्चा कर रहे हैं. प्रधानमंत्री हाल ही में मास्को में थे, वहां विस्तृत चर्चा हुई.”
साथ ही जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत का मानना है कि दोनों पक्षों (यूक्रेन और रूस) को समाधान खोजने के लिए एक-दूसरे के साथ बातचीत करने की जरूरत है.”
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस का दौरा किया था, जहां उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी. उसके एक महीने के बाद प्रधानमंत्री ने यूक्रेन के दौरे पर पहुंचे हैं.