बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में एक बार फिर से उलटफेर हो चुका है. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने रविवार को एक बार फिर से पाला बदल लिया.
उन्होंने CM पद से इस्तीफा दे दिया और उसी शाम 5 बजे बीजेपी के सहयोग से 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष रहे विजय सिन्हा को डिप्टी सीएम बनाया गया है. सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार ने 13 जनवरी को ही महागठबंधन (Mahagathbandhan) तोड़कर NDA के साथ जाने का मन बना लिया था. इस दिन विपक्षी दलों के गठबंधन यानी INDIA अलायंस (INDIA Alliance) की वर्चुअल मीटिंग हुई थी. मीटिंग में राहुल गांधी ने ऐसा कुछ कहा, जिससे नीतीश कुमार नाराज हो गए थे. नीतीश कुमार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की बात इतनी बुरी लगी थी कि वो मीटिंग खत्म होने के 10 मिनट पहले ही उठकर चले गए थे.
सूत्रों के मुताबिक, 13 जनवरी को कांग्रेस ने INDIA अलायंस की वर्चुअल मीटिंग रखी थी. मीटिंग में INDIA अलायंस के लिए को-ऑर्डिनेटर का नाम फाइनल किया जाना था. लेकिन राहुल गांधी ने कहा कि वो को-ऑर्डिनेटर के नाम के लिए TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी से सलाह लेंगे. यही बात नीतीश कुमार को अच्छी नहीं लगी. मीटिंग में कुछ देर बाद ही सदस्यों ने को-ऑर्डिनेटर के तौर पर नीतीश कुमार का नाम लिया. हालांकि, नाराज नीतीश कुमार ने यह पद अस्वीकार कर दिया. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव को को-ऑर्डिनेटर बनाया जा सकता है.
वहीं, INDIA अलायंस के चेयरमैन पद के लिए कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे के नाम पर सहमति बनी है. चेयरमैन के लिए खरगे के नाम का प्रस्ताव चौथी मीटिंग में ममता बनर्जी ने रखा था. अरविंद केजरीवाल ने इसपर सहमति जताई थी. नीतीश कुमार के लिए यह दूसरी बड़ी निराशा थी, क्योंकि वह इस पद के लिए अपने नाम के प्रस्ताव की उम्मीद कर रहे थे.
नीतीश कुमार ने रविवार सुबह 11 बजे ही इस्तीफा दिया था. इस्तीफे के साथ उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन कर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया था. सूत्रों ने कहा है कि बिहार में बीजेपी और नीतीश कुमार कैबिनेट बर्थ शेयर करने के लिए 2020 के फॉर्मूले पर कायम रहेंगे. शपथ ग्रहण के बाद सीएम नीतीश ने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द होगा. साथ ही कहा कि अब कहीं जाने का कोई सवाल नहीं है. सूत्रों ने बताया कि डील के तहत महत्वपूर्ण गृह विभाग इस बार भी नीतीश कुमार के पास रहेगा.
महागठबंधन से अलग होने का ऐलान करने के बाद नीतीश कुमार ने कहा था कि जिस तरह से विपक्षी खेमे में चीजें आगे बढ़ रही थीं, उससे वह नाखुश थे. उन्हें काम करने में दिक्कत आ रही थी. इसलिए NDA में शामिल हो गए.