कानून के तहत कार्रवाई के लिए नौ समुद्री लुटेरों को भारत लाया जा रहा: नौसेना

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समुद्र में अपहृत किए गए मछली पकड़ने वाले ईरानी जहाज और इसके 23 सदस्यीय पाकिस्तानी चालक दल को बचाने के एक दिन बाद भारतीय नौसेना ने शनिवार को कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नौ समुद्री लुटेरों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए भारत लाया जा रहा है.

समुद्री लुटेरों के खिलाफ समुद्री लूट रोधी अधिनियम, 2022 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी. नौसेना के प्रवक्ता द्वारा साझा किए गए एक बयान के अनुसार, भारतीय नौसेना की विशेषज्ञ टीम मछली पकड़ने वाले जहाज ‘अल-कंबर’ की सभी जांच पूरी कर चुकी है.

इसमें कहा गया, ‘मछली पकड़ने की गतिविधियों को जारी रखने के लिए पोत को मंजूरी देने से पहले चालक दल में शामिल 23 पाकिस्तानी नागरिकों की गहन चिकित्सा जांच की गई.’ भारतीय नौसेना ने शुक्रवार को समुद्री लुटेरे रोधी अभियान के तहत 12 घंटे से अधिक के ‘गहन सामरिक उपायों’ के बाद मछली पकड़ने वाले अपहृत ईरानी जहाज और इसके चालक दल को बचा लिया था.

इसने कहा, ‘आईएनएस सुमेधा ने शुक्रवार तड़के एफवी ‘अल कंबर’ को रोका और बाद में गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस त्रिशूल भी अभियान से जुड़ गया.’ बयान में कहा गया, ‘‘एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) के अनुसार 12 घंटे से अधिक के गहन कठोर सामरिक उपायों के बाद, मछली पकड़ने वाले अपहृत जहाज पर सवार समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर होना पड़ा. चालक दल में 23 पाकिस्तानी नागरिक शामिल थे जिन्हें सुरक्षित बचा लिया गया.”

इसमें कहा गया कि घटना के समय मछली पकड़ने वाला जहाज सोकोट्रा से लगभग 90 समुद्री मील दक्षिण पश्चिम में था और ‘बताया गया कि नौ सशस्त्र समुद्री लुटेरे उसमें सवार हो गए थे.’ भारतीय नौसेना ने कहा कि वह क्षेत्र में नाविकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

सोकोट्रा द्वीपसमूह अदन की खाड़ी के पास उत्तर पश्चिम हिंद महासागर में है. भारतीय नौसेना की इस हालिया समुद्री डकैती रोधी कार्रवाई ने प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में इसकी भूमिका को और मजबूत किया है जिसे नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में निभाना चाहती है.

इससे दो सप्ताह पहले नौसेना एक अन्य जहाज ‘रुएन’ और 17 बंधकों को बचाया था तथा लगभग 40 घंटे तक चले अभियान में 35 सशस्त्र समुद्री लुटेरों को पकड़ लिया था.

नौसेना के अधिकारियों ने कहा था कि भारतीय नौसेना की कड़ी कार्रवाई के परिणामस्वरूप रुएन पर मौजूद समुद्री लुटेरों ने 16 मार्च को आत्मसमर्पण कर दिया था.

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