नासा का मंगल पर रहने वाला घर तैयार, इसमें एक साल बिताएगी ये कनाडाई महिला

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मंगल ग्रह पर इंसानों को बसाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। अगर सब कुछ सही रहा तो अगले सात साल यानी 2030 तक वहां पर इंसानों को भेजा जाएगा।

मंगल ग्रह पर इंसान कैसे रह पाएंगे, इसी को लेकर एक ट्रायल शुरू किया जा रहा है। इसके लिए नासा ने चार लोगों को चुना है, जिसमें कनाडाई जीवविज्ञानी केली हेस्टन भी हैं।

मंगल ग्रह जैसा घर

रिपोर्ट के अनुसार, ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर में एक घर तैयार किया गया है। इसमें चार लोगों के रहने की व्यवस्था है। इस घर को मंगल ग्रह के हालात जैसा बनाया गया है। केली जल्द ही इस घर में रहने वाली हैं। वे यहां पर ट्रेनिंग लेंगी और करीब एक साल तक इसमें रहेंगी। इस दौरान वो ना बाहर आ पाएंगी और ना ही कोई उस घर में जा पाएगा।

बचपन का नहीं सपना

केली हेस्टन ने अपने अनुभव पर बात करते हुए कहा कि मैंने कभी बचपन से लेकर आजतक मंगल पर जाने का सपना नहीं देखा था। उन्होंने कहा कि कभी-कभी ये झूठ लगता है, लेकिन जब मैं इसके बारे में सोचती हूं तो मुझे हंसी आती है। उन्होंने आगे कहा कि मैं बहुत उत्साहित हूं और चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार हूं।

सारी सुविधाएं ग्रह की तरह

रिपोर्ट के अनुसार, जून के अंत में चारों शोधकर्ता उसके अंदर जाएंगे और करीब 12 महीने तक वहां रहेंगे। घर के अंदर का माहौल एकदम मंगल की तरह है। वहां पर मिट्टी भी लाल रंग की रखी गई है। इसके अलावा अगर वो कंट्रोल सेंटर से संपर्क करते हैं, तो उनका मैसेज मिलने में 20 मिनट का समय लगेगा। इसके बाद कंट्रोल सेंटर का मैसेज उन तक पहुंचने में 20 मिनट लगेगा। वास्तव में मंगल से सिग्नल भेजने पर भी इतना वक्त लगता है।

मार्स वॉक की भी प्रैक्टिस

ये घर 3डी प्रिंटेड है और 160 वर्ग मीटर में फैला है। इसका नाम मार्स ड्यून अल्फा रखा गया है। वहां पर चार बेडरूम हैं। इसके अलावा जिम, किचन, रिसर्च सेंटर बनाया गया है। इस घर को एयरलॉक द्वारा अलग किया गया। वहां पर चारों मार्स वॉक की भी प्रैक्टिस करेंगे।

मेल की जरिए घर पर बात

इस घर में एक साल तक मंगल पर रहने, खाने, आपात स्थिति से निपटने आदि की प्रैक्टिस की जाएगी। चारों शोधकर्ता परिवार से भी दूर रहेंगे। वो सिर्फ मेल के जरिए बात कर पाएंगे। कभी-कभी वो वीडियो मैसेज भेज सकते हैं, लेकिन उनकी बात लाइव नहीं होगी। उसमें 20 मिनट का अंतर रहेगा। ऐसे में उनको पूरी तरह से महसूस होगा कि वे लोग मंगल ग्रह पर रह रहे हैं।

हेस्टन ने बताया कि घर के अंदर जाते ही बहुत आश्चर्यजनक महसूस होता है। यह बहुत बड़ा है। इसमें एक बाहरी क्षेत्र भी दिया है, जिसमें स्पेसवॉक कर सकते हैं।

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