मालदीव में रविवार को हुए संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है।
सत्तारूढ़ पार्टी ने संसद की 93 सीटों में से 67 सीटें जीत ली हैं। वोटों की गिनती अभी जारी है। बीजिंग समर्थक राष्ट्रपति मुइज्जू के लिए यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
संसदीय चुनाव के परिणाम पर मालदीव में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे भारत और चीन की करीबी नजर है। संसदीय चुनाव में मुख्य विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी को 12 सीटें मिलीं और निर्दलीय उम्मीदवारों ने 10 सीटें जीतीं। मालदीव डेवलपमेंट अलायंस और जम्हूरी पार्टी को एक-एक सीट मिली।
20वीं पीपुल्स मजलिस के लिए मतदान
स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे शुरू हुआ, जो शाम साढ़े पांच बजे तक चला। साढ़े पांच बजे मतदान समाप्त होते ही चुनाव अधिकारियों ने देशभर में मतपेटियों को सील कर दिया।छह राजनीतिक दलों और स्वतंत्र समूहों ने संसद की 93 सीटों के लिए 368 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। पीपुल्स नेशनल कांग्रेस ने 90 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि मुख्य विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी ने 89 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे।
मुइज्जू ने मालदीव से हटाए भारतीय सैनिक
मालदीव हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जगह पर स्थित है। ऐसे में भारत और चीन मालदीव में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करते रहे हैं। मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और चीन के बीच प्रतिद्वंद्विता बढ़ गई। मुइज्जू ने चीन समर्थक रुख अपनाया और देश के एक द्वीप पर तैनात भारतीय सैनिकों को हटाने का काम किया।
भारत को बाहर करो थीम पर आधारित था मुइज्जू का चुनाव अभियान
राष्ट्रपति पद के लिए मुइज्जू का चुनाव अभियान ‘भारत को बाहर करो’ थीम पर आधारित था, जिसमें उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति पर भारत को बहुत अधिक महत्व देकर राष्ट्रीय संप्रभुता से समझौता करने का आरोप लगाया था। मालदीव में कम से कम 75 भारतीय सैन्यकर्मी तैनात थे और वे भारत द्वारा दान किए गए दो विमानों का संचालन करने के साथ ही समुद्र में फंसे या आपदाओं का सामना करने वाले लोगों के बचाव कार्य में सहयोग करते थे। मुइज्जू ने इन सैन्यकर्मियों को हटाने की दिशा में कदम उठाया।