उत्तर प्रदेश और बिहार में नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। बिहार के खगड़िया में कोसी व बागमती खतरे के निशान से ऊपर हैं।
पूर्वी चंपारण के सिकरहना नदी में बढ़ रहे जलस्तर के कारण सड़कों पर पानी का तेज बहाव है। किशनगंज व कटिहार में एक-एक व्यक्ति की डूबकर मौत हुई है। मुंगेर में गंगा का जलस्तर पिछले 25 घंटे में 21 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
सुपौल में शाम चार बजे कोसी का डिस्चार्ज बराज पर 1,67,695 क्यूसेक (घनफीट प्रति सेकेंड) रिकार्ड किया गया। कोसी तटबंध के अंदर के गांवों में कटाव हो रहा है। ढोली और करहरी के 16 परिवार विस्थापित होकर ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। गंगा और बूढ़ी गंडक का बढ़ना जारी है। किशनगंज में सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। पानी कम होने से कटाव हो रहा है।
12 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित
कटिहार में महानंदा का जलस्तर खतरे के निशान से 35 सेंटीमीटर अधिक मापा गया है। मुजफ्फरपुर जिले के प्रवाह क्षेत्र की दो प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर 50.28 मीटर पर है। बागमती का जलस्तर 54.90 मीटर पर है। गोपालगंज में गंडक नदी के जलस्तर में कमी आने के बावजूद जिले के पांच प्रखंडों के 21 गांव अभी भी बाढ़ से घिरे हैं। नौ विद्यालय भी जलजमाव के कारण बंद हैं। बाढ़ से जिले की 12 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है।
वाराणसी के कई घाट के प्लेटफार्म डूबे
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के साथ बस्ती, संतकबीर नगर और सिद्धार्थनगर में राप्ती खतरे के निशान के ऊपर है। वाराणसी, मीरजापुर, गाजीपुर, चंदौली और बलिया में गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है। वाराणसी में घाटों की अनेक सीढि़यां डूब गई हैं। मणिकर्णिका घाट पर रत्नेश्वर महादेव मंदिर, प्रयागघाट स्थित जुगल रुक्मिणी मंदिर, ललिता घाट पर बनी जेटी, दशाश्वमेध घाट पर बना गंगा आरती का प्लेटफार्म आदि डूब गए हैं। महराजगंज में रोहिन और राप्ती नदी का जलस्तर सोमवार को भी लाल निशान के ऊपर रहा।
देवरिया में सरयू नदी खतरे के निशान से अभी भी ऊपर
कुशीनगर में नारायणी नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु 95 मीटर से 10 सेमी ऊपर दर्ज किया गया है। देवरिया में सरयू नदी खतरे के निशान से अभी भी ऊपर है। बस्ती में सरयू नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है। संतकबीर नगर में कुछ स्थानों पर बंधों पर नदी का पानी पहुंच गया है। इससे गांवों के लोगों का संपर्क कट गया है। सिद्धार्थनगर में 57 नए गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या 266 तक पहुंच गई है।