मिलिए एक इंस्पिरेशनल मॉम डॉ. सुजाता कपूर कालरा से, जिन्होंने अपने दम पर हासिल किया एक प्रतिष्ठित मुक़ाम

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“पहचान किसी की भी बड़ी होती नहीं, बनानी पड़ती है l अपने काम से, अपनी सोच से, अपनी मेहनत और लगन से” ये कहना है फैशन जगत में आज के दौर की उभरती मशहूर अदाकारा डॉ. सुजाता कपूर कालरा का l सुजाता पेशे से प्रोफेसर हैं, मॉडल हैं, समाज सेविका हैं और इसके साथ ही एक प्यारी सी बेटी की माँ भी हैं l

सुजाता को बचपन से ही पढ़ाई के साथ-साथ मॉडलिंग और डांस का भी शौक़ था, लेकिन माता-पिता के समझाने पर इन्होने अपनी एजुकेशन को सबसे पहले प्राथमिकता दी, और मास्टर डिग्री के बाद पीएचडी करके सुजाता ने प्रोफेसर बनकर एक प्रतिष्ठित मुक़ाम हासिल किया l

लेकिन कहते हैं ना, कि जिसके सर पर बचपने से एक्टर और मॉडल बनने का जूनून सवार हो, वो कभी उतरता नहीं l सुजाता ने भी अपने डांस और मॉडलिंग के जुनून को ज़िन्दा रखा और घर पर ही अभ्यास करती रही l प्रोफ़ेसर बनने के बाद जब उन्होंने मॉडलिंग जगत में जाने की सोची, तो एक बार फिर माता-पिता की इच्छा पर डॉ. पुनीत कालरा से विवाह कर लिया और फिर उन्होंने एक सुन्दर सी बेटी विशारदा को जन्म दिया l

उनकी पारिवारिक ज़िन्दगी बहुत ही ख़ुशहाल थी, लेकिन तब ही अचानक सुजाता और पुनीत को ये जानकर धक्का लगा कि उनकी बेटी दूसरे बच्चों से अलग है यानि एक ऑटिस्टिक बच्ची है lलेकिन इस बात से घबराने और टूटने की बजाय सुजाता ने मज़बूती से इस परिस्थिति का सामना किया l

दोनों ने ही विशारदा को भरपूर समय और प्यार दिया l फिर कुछ समय बाद, विशारदा की परवरिश के साथ साथ सुजाता ने इस बार निर्णय लिया कि वो अपनी पारिवारिक ज़िम्मेदारी बख़ूबी निभाने के साथ साथ अपने मॉडलिंग करियर की शुरुआत करेगी और यही सोचकर वो फैशन जगत में उतर आई, और काफ़ी सारे राष्ट्रीय और अतंरराष्ट्रीय फैशन शो व ब्यूटी पेजेंट में हिस्सा लिया l इसके साथ ही मंच पर और मीडिया के सामने बेबाकी से अपनी बेटी के ऑटिस्टिक होने की सच्चाई को स्वीकार किया l

इस ख़बर को जानकर उनके जानने वाले लोग उन्हें भला-बुरा कहने लगे, कि ‘फैशन जगत में सिम्पैथी लेने के लिए वो अपनी बेटी के ऑटिस्टिक होने की बात को सबके सामने लेकर आई है l’ लोग आये दिन ताना देने लगे कि “तुम पागल हो क्या ? जो बातें तुम्हे छुपानी चाहिए वो बातें मीडिया के सामने स्वीकारकर रही हो !”

लेकिन सुजाता इन सब बातों की परवाह किये बिना आगे बढ़ती रही औरअपने हर इंटरव्यू में सुजाता ये स्वीकार करती थी, जिससे कि मीडिया उनसे ऑटिज्म को लेकर सवाल करती थी, और वो ज़्यादा से ज़्यादा इस पर लोगों को बता पाती थी l सुजाता का ये मानना था, कि उनकी बेटी ऑटिस्टिक ज़रूर है, लेकिन वो एक special child है, और वो इसे God gift मानती हैं l

इसी सोच के साथ उन्होंने मॉडलिंग के साथ अपने पति डॉ. पुनीत कालरा के साथ मिलकर संवेदनाऐं नाम से संस्था की शुरुआत की, जो ऑटिस्टिक बच्चों के लिए काम करती है, लोगों को जागरूक करती है, ऑटिस्टिक बच्चों को सहारा देती है और उनके छुपे talent को सबके सामने लाती है l

लॉकडाउन के दौरान सुजाता और डॉ. पुनीत ने सोशल मीडिया के ज़रिए न सिर्फ़ लोगों में जागरूकता लाने का काम किया,बल्कि साथ ही डांस और मॉडलिंग की प्रैक्टिस भी जारी रखी, और ऑनलाइन तैयारी करती रही, ताकि लॉकडाउन open होते ही फिर से वो अपने काम के ज़रिए लोगों के दिलों पर राज करे l

इसी दौरान सोशल मीडिया के ज़रिए एक फैशन मैगज़ीन Curvy Shine के फाउंडर और फ़िल्म एवं टीवी जगत के डायरेक्टर, राइटर, एडिटर शुभराज गुप्ता से बातचीत हुई l जहाँ सुजाता ने उन्हें अपने पैशन के साथ अपनी ऑटिस्टिक बेटी विशारदा के बारे में भी बताया, जिसके बाद शुभराज उनके साथ इमोशनली जुड़ गए और शुभ यूनिवर्सल एंटरटेनमेंट के तहत विशारदा के नाम से फ़िल्म बनाने का प्रस्ताव रखा और साथ ही सुजाता को फ़िल्म में माँ का क़िरदार निभाने को कहा l सुजाता ने जब इस बारे में अपने पति और माता-पिता से बात की, तो उन्होंने भी इस बात का स्वागत करते हुए कहा कि आपको ज़रूर ये फ़िल्म करनी चाहिए, क्यूंकि इससे आपकी अभिनय प्रतिभा को भी पहचान मिलेगी और साथ ही उनकी बेटी विशारदा को भी l

इसके बाद शुभराज और उनकी टीम ने कहानी और अन्य पहलूओं पे काम करनाशुरू करदिया, और जल्द ही फ़िल्म “विशारदा” फ्लोर परजानेवाली है l शुभराज और शुभ यूनिवर्सल एंटरटेनमेंट की पूरी टीम को हमारी तरफ से शुभकामनाएं, जिन्होंने ऑटिस्म जैसे एक गंभीर मुद्ददे पर फ़िल्म बनाने की सोची और सुजाता को अपना टैलेंट दिखाने का सुनहरा अवसर प्रदान कियाl

 आशा है कि मॉडलिंग की तरह सुजाता कपूर अपने अभिनय से भी एक अलग पहचान बनाएगी lऔर अपने काम के ज़रिए लाखों लोगों के दिलों पर राज करे l

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