विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका की चल रही राजकीय यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कल वाशिंगटन पहुंचे थे.
बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री मोदी मुख्य रूप से दो कार्यक्रम में शामिल हुए. पहला कार्यक्रम वाशिंगटन के एक कम्युनिटी कॉलेज में फर्स्ट लेडी के साथ हुआ, जो कि भविष्य कौशल पर आधारित था. उसके बाद शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और फर्स्ट लेडी के साथ व्हाइट हाउस में बैठक की.
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि जब पीएम और राष्ट्रपति बाइडेन ने औपचारिक स्वागत के बाद चर्चा की, तो चर्चा में प्रौद्योगिकी बहुत प्रमुखता से शामिल थी. संयुक्त बयान में पहचाने गए प्रौद्योगिकी साझेदारी के 20-25 क्षेत्र दोनों नेताओं के बीच चर्चा का खास विषय रहे. भारत और अमेरिका के बीच कई अहम समझौते हुए हैं. दोनों देशों के बीच सेमी कंडक्टरों को लेकर समझौता हुआ है. तकनीकी ट्रांसफर की सुविधा अमेरिका ने किसी को नहीं दी है. उन्होंने कहा कि अमेरिका को चीन का वर्चस्व रोकने के लिए एक साथ चाहिए.
विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि जब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने चर्चा की, तो दोनों के बीच ऐसी वैश्विक चुनौतियों के सभी पहलुओं पर चर्चा हुई और भारत और अमेरिका इस चुनौती को कम करने, संबोधित करने, प्रयास करने और यथासंभव व्यापक रूप से निपटने के लिए कैसे सहयोग कर सकते हैं, इस पर भी दोनों के बीच चर्चा हुई. अब और आगे बढ़ते हुए, हमारा प्रयास यह देखने का होगा कि उनमें से कुछ चर्चाएं कैसे ठोस रूप ले सकती हैं.
पीएम ने कहा कि 9/11 के दो दशक और 26/11 के एक दशक के बाद भी आतंकवाद की समस्या वैश्विक समुदाय के लिए एक गंभीर चुनौती बनी हुई है. स्पष्ट रूप से, वह जिस बात पर प्रकाश डाल रहे थे, वो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह पहचानने की आवश्यकता थी कि जो लोग आतंकवाद को प्रायोजित करते हैं, आतंकवाद का समर्थन करते हैं, वे हमारे समाज की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बने हुए हैं और उनसे बहुत सख्ती से निपटना होगा.