मनीष सिसोदिया ने CBI से मांगा समय, दिल्ली शराब नीति मामले में आज होनी है पूछताछ

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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति मामले में पूछताछ के लिए आज राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के कार्यालय बुलाया गया है.

मनीष सिसोदिया ने इसको लेकर रविवार सुबह कहा कि फरवरी में दिल्ली का बजट पेश होना है. ऐसे महत्वपूर्ण समय में मेरा एक-एक पल कीमती है. इसलिए मैंने सीबीआई को पत्र लिखकर गुजारिश की है कि पूछताछ के लिए फरवरी के बाद का समय का रखें. उम्मीद है सीबीआई के अधिकारी मेरी बात समझेंगे. उन्होंने कहा कि फरवरी के बाद वो जब भी बुलाएंगे, मैं जाऊंगा. मैंने हमेशा जांच में सहयोग किया है. सूत्रों का कहना है कि सीबीआई मनीष सिसोदिया को समय दे सकती है.

इससे पहले शनिवार को मनीष सिसोदिया ने खुद ट्वीट कर पूछताछ होने की जानकारी दी थी. उन्होंने कहा, “सीबीआई ने मुझे कल (रविवार) फिर बुलाया है. उन्होंने मेरे खिलाफ सीबीआई, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की पूरी ताकत झोंक दी है, मेरे घर पर छापा मारा, मेरे बैंक लॉकर की तलाशी ली और फिर भी मेरे खिलाफ कुछ नहीं मिला.”

सीबीआई ने कल फिर बुलाया है. मेरे ख़िलाफ़ इन्होंने CBI, ED की पूरी ताक़त लगा रखी है, घर पर रेड, बैंक लॉकर तलाशी, कहीं मेरे ख़िलाफ़ कुछ नहीं मिला

मैंने दिल्ली के बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा का इंतज़ाम किया है। ये उसे रोकना चाहते हैं।
मैंने जाँच में हमेशा सहयोग किया है और करूँगा.

भाजपा और आप लगा रहे एक-दूसरे पर आरोप
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य पर राष्ट्रीय राजधानी में नई शराब बिक्री नीति (अब रद्द) के जरिए भ्रष्टाचार करने के आरोप हैं. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पिछले साल सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. इसके बाद, दिल्ली सरकार नई शराब नीति को रद्द कर पुरानी शराब नीति पर वापस लौटी और उपराज्यपाल को करोड़ों रुपये के राजस्व के नुकसान के लिए दोषी ठहराया, जो कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने दावा किया था कि अगर नई नीति जारी रहती तो आ जाती.भाजपा ने कहा कि दिल्ली सरकार भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए पुरानी शराब बिक्री नीति पर वापस चली गई.आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि सिसोदिया के पीछे सीबीआई भेजने के उपराज्यपाल के फैसले के पीछे केंद्र की भाजपा का हाथ है.

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से मिली आप को राहत
शराब नीति का मामला आम आदमी पार्टी और उपराज्यपाल के बीच टकराव की लंबी सूची में शीर्ष पर है. वर्षों से, अरविंद केजरीवाल की सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल के कार्यालय ने इस बात पर लड़ाई लड़ी है कि राष्ट्रीय राजधानी को चलाने के लिए असली शक्ति किसके पास है. अरविंद केजरीवाल की उपराज्यपाल के कार्यालय के साथ दिल्ली प्रशासन के कामकाज को लेकर गंभीर असहमति रही है. उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी के बीच मनमुटाव का सबसे ताजा उदाहरण अभी दो दिन पहले हुआ था, जब उच्चतम न्यायालय ने आम आदमी पार्टी के अनुरोध पर सहमति जताई थी कि उपराज्यपाल द्वारा नामित दिल्ली के नागरिक निकाय के सदस्य महापौर चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं.

के चंद्रशेखर राव की बेटी पर भी आरोप
आम आदमी पार्टी की सुप्रीम कोर्ट की जीत के एक दिन बाद सीबीआई ने सिसोदिया को दिल्ली शराब बिक्री नीति मामले में पूछताछ के लिए आज उनके कार्यालय आने के लिए कहा. हाल ही में, सीबीआई ने भारत राष्ट्र समिति की नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता के पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट बुचिबाबू गोरंटला को गिरफ्तार किया, जिनके गढ़ को भाजपा तोड़ना चाहती है.

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