तुर्की में विनाशकारी भूकंप के 278 घंटे बाद मलबे से जिंदा निकला शख्स, 41 हजार लोगों की जा चुकी है जान

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तुर्की के बचावकर्मियों ने विनाशकारी भूकंप के करीब 12 दिन बाद शुक्रवार को 45 वर्षीय एक व्यक्ति को मलबे से जिंदा निकाला गया.

ठंड के मौसम में मलबे के नीचे बचाव दल पूरे हफ्ते जीवित बचे लोगों को ढूंढता रहा. हालांकि, पिछले कुछ दिनों में जिंदा बचने वालों की संख्या घटकर मुट्ठी भर रह गई है.

सीरियाई सीमा के पास एक दक्षिणी प्रांत हाटे में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के 278 घंटों के बाद हकन यासिनोग्लू नाम के व्यक्ति को बचाया गया था. सोशल मीडिया पर दिख रही तस्वीरों में बचावकर्मी सावधानी से एक व्यक्ति को एक इमारत के खंडहरों के बीच स्ट्रेचर पर ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. गिरने से बचने के लिए उसे स्ट्रेचर से बांध दिया गया और सुनहरे रंग की थर्मल जैकेट से ढक दिया गया. उसे तुरंत प्रतीक्षारत एंबुलेंस में रखा गया और अस्पताल ले जाया गया.

उसका चेहरा नहीं देखा जा सकता था, और अन्य देर से बचाए गए लोगों के विपरीत (जहां बचाव दलों ने खुशी मनाई या तालियां बजाईं) यहां सभी उदास लग रहे थे. गुरुवार देर रात और शुक्रवार तड़के तीन अन्य लोगों को बचाया गया, जिसमें एक 14 वर्षीय लड़का भी शामिल है, कुछ जगहों पर चौबीसों घंटे तलाश जारी है.

तुर्की के उप राष्ट्रपति फुअत ओकटे ने शुक्रवार को कहा कि क्षेत्र में 200 से कम जगहों पर बचाव कार्य जारी है. भूकंप ने तुर्की और सीरिया में 41,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है, हजारों अन्य घायल हो गए हैं और लाखों लोगों को ठंड के तापमान में आश्रय के बिना छोड़ दिया गया है. तुर्की के 11 प्रांतों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. तुर्की के अधिकारियों ने कहा है कि तीन प्रांतों अदाना, किलिस और सानलिउर्फा में बचाव कार्य पूरा कर लिया गया है.

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