मानसून का इंतजार होगा खत्म, उत्तर भारत के बड़े हिस्से को गर्मी से मिलेगी राहत; बिहार में तेज आंधी के साथ हुई बारिश

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लंबे इंतजार और बेकरारी के बाद मानसून ने फिर गति पकड़ी है। देश के दक्षिण-पूर्व और उत्तर-पश्चिम दोनों हिस्सों में चार चक्रवातीय स्थिति बन चुकी है, जहां से बड़ी मात्रा में नमी लेकर हवाएं आगे बढ़ रही हैं।

मौसम विज्ञानियों का मानना है कि नमी युक्त हवाएं सप्ताह भर के भीतर उत्तर-पश्चिम के एक बड़े हिस्से को बारिश से सराबोर कर सकती हैं। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान के कई हिस्सों में बारिश होने का अनुमान है, जिससे दिल्ली में प्रचंड गर्मी का असर बुधवार शाम से ही कम होने लगेगी। एक विराम के बाद मानसून के लिए स्थितियां अनुकूल हुई हैं।

बिहार में तेज आंधी के साथ हुई बारिश
इससे पहले मौसम विभाग ने मंगलवार को अलर्ट जारी किया था कि बिहार में मानसून दो से चार दिनों में प्रवेश करेगा। वहीं, बिहार के कुछ जिलों में हल्की बारिश हुई है। भोजपुर सहित दक्षिण के कई जिलों में बुधवार सुबह की तीन बजे बारिश हुई जिससे लोगो में गर्मी से राहत मिली है। हालांकि, तेज आंधी की वजह बिजली काटे जाने लोग हल्कान हैं।

उत्तर प्रदेश की तरफ मानसूनी हवाएं तेजी से आगे बढ़ने लगी
बिहार-झारखंड, ओडिशा एवं उत्तर प्रदेश की तरफ मानसूनी हवाएं तेजी से आगे बढ़ने लगी हैं। अगले दो-तीन दिनों में बिहार के अधिकतर क्षेत्रों में बारिश होने लग जाएगी। निजी एजेंसी स्काइमेट के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने एक ब्रेक के बाद मानसून की चाल को बेमिसाल बताया है, जो हफ्ते भर में व्यापक विस्तार की ओर अग्रसर है।

असम में बहुत भारी वर्षा जारी रह सकती है
भारत मौसम विभाग (आइएमडी) के अनुसार अगले दो दिनों तक बंगाल एवं उत्तरी असम में बहुत भारी वर्षा जारी रह सकती है। तीन-चार दिनों के दौरान महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और बंगाल के मैदानी इलाकों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल दिख रही हैं।

अगले पांच दिनों के दौरान बिहार, झारखंड एवं ओडिशा में गरज के साथ बारिश हो सकती है। हवा की गति 30-40 किमी प्रतिघंटे रह सकती है। किसी किसी क्षेत्र में भारी वर्षा भी हो सकती है। पश्चिम में दो चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है। पहला अफगानिस्तान के ऊपर और दूसरा अरब सागर में सौराष्ट्र के पास।

अफगानिस्तान में सक्रिय विक्षोभ
अफगानिस्तान में सक्रिय विक्षोभ के चलते 22 जून तक जम्मू-कश्मीर-लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड में तथा 20 जून तक पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान में गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ मध्यम वर्षा होने की संभावना है। इसका असर अभी से दिखने भी लगा है।

बढ़ते तापमान में कुछ कमी आने लगी है। कहीं-कहीं बारिश भी होने लगी है। आइएमडी का मानना है कि दो दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में तेज हवाएं चलेंगी, जिसकी गति 25-30 किमी प्रतिघंटा रह सकती है। इसके असर से एनसीआर का तापमान भी कम होने लगेगा। निजी एजेंसी स्काइमेट का अनुमान है कि 22 जून तक बिहार-झारखंड और 26 से 27 जून तक मानसून पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी पहुंच जाएगा। फिर दिल्ली भी दूर नहीं रहेगी।

रफ्तार से वर्षा के साथ मानसूनी हवाएं आगे बढ़ सकती हैं
पूर्व में असम के ऊपर सक्रिय चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर चलने वाली हवाओं में गति आई है। पूर्वोत्तर इलाके में अभी तेज हवाएं चल रही हैं। पांच दिनों के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम एवं त्रिपुरा के साथ बंगाल में 30-40 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से वर्षा के साथ मानसूनी हवाएं आगे बढ़ सकती हैं।

असम में बाढ़ की भी आशंका है। एक अन्य चक्रवाती परिसंचरण आंध्र प्रदेश से सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में स्थित है। इसके प्रभाव से गुजरात, गोवा, मध्य महाराष्ट्र एवं मराठवाड़ा में बारिश होने की संभावना है।

कहीं-कहीं ओलावृष्टि की भी संभावना
आइएमडी ने ग्वालियर संभाग को छोड़कर संपूर्ण मध्य प्रदेश में भी मानसून के सक्रिय होने का अनुमान जारी किया है। इन क्षेत्रों में 40-60 किमी प्रति घंटे की गति से हवा चल सकती है और वर्षा हो सकती है। कहीं-कहीं ओलावृष्टि की भी संभावना है।

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