Surya Grahan 2023 : साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है। भारतीय समय के अनुसार यह सूर्य ग्रहण सुबह 07 बजकर 05 मिनट से शुरू हो गया है।
जो दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर खत्म हो जाएगा। साल 2023 का यह सूर्य ग्रहण कंकणाकृति सूर्य ग्रहण होगा। धार्मिक और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण का विशेष महत्व होता है। सूर्य ग्रहण के लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है। इस दौरान किसी भी तरह का कोई शुभ काम करना वर्जित होता है।
भारत में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। इस कारण से सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि पर ही लगता है। इस बार यह सूर्य ग्रहण वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर लगेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण का प्रभाव विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी होती है। सूर्य ग्रहण के दौरान ग्रहण का दुष्प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर रहता है इसलिए ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को कुछ चीजों का परहेज करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं का क्या करना चाहिए और क्या नहीं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। इसके अलावा ग्रहण के दौरान उन्हें घर से बाहर भी नहीं निकलना चाहिए।
जब भी सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण की खगोलीय घटना घटे तो इस दौरान गर्भवती महिलाओं को भूलकर भी चाकू- कैंची या किसी धारदार चीज का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण से पहले और ग्रहण के खत्म होने के बाद स्नान अवश्य कर लेना चाहिए। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ग्रहण के दौरान स्नान नहीं न करें।
ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को केवल दुर्वा घास हाथ में लेकर बैठकर मंत्रों का जाप करना चाहिए।
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सब्जी काटना, कपड़े सीना जैसे कार्य नहीं करने चाहिए। इससे गर्भस्थ शिशु को शारीरिक दोष हो सकता है।
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए।
ग्रहण के दौरान खाना पकाना चाहिए और ना ही सजना-संवरना नहीं चाहिए।
गर्भवती महिला पर ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव न पड़े इसके लिए उन्हें तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए।
ग्रहण खत्म होने के बाद गर्भवती महिला को पवित्र जल से स्नान करना चाहिए, अन्यथा गर्भस्थ शिशु को त्वचा संबधी रोग होने की आशंका होती है।
ग्रहण के दौरान मानसिक रूप से मंत्र जाप करने से स्वयं के और गर्भस्थ शिशु के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक और उत्तम असर पड़ता है।