दिन भर हाथ में लैपटॉप लिए अदालत में खड़े थे जूनियर वकील, CJI चंद्रचूड़ ने देखते ही दे डाले ये आदेश

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भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) डीवाई चंद्रचूड़ अपनी सहृदयता के लिए जाने जाते हैं।

हर व्यक्ति की सुविधा का ख्याल रखना उनकी आदत है वह किसी को भी परेशानी में नहीं देख सकते। मंगलवार को सीजेआइ का दिल उन जूनियर वकीलों पर पसीज गया जो अपने वरिष्ठ के पीछे हाथ में लैपटाप लिए दिन भर अदालत में खड़े रहते हैं।

सीजेआइ ने उन जूनियर वकीलों के लिए अदालत में अतिरिक्त कुर्सियां लगवाई हैं ताकि उन्हें संविधान पीठ में चल रही लंबी सुनवाई के दौरान दिन भर इस तरह खड़े न रहना पड़े।

तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस का आभार जताया
चीफ जस्टिस की संवेदनशीलता का स्तर इसी से जाना जा सकता है कि उनके निर्देश पर कोर्ट स्टाफ द्वारा लंच ब्रेक के दौरान जूनियर वकीलों के बैठने के लिए तात्कालिक रूप से लगाए गए अतिरिक्त स्टूलों का चीफ जस्टिस ने सुनवाई शुरू होने से पहले अदालत कक्ष जाकर जायजा लिया और स्वयं उन स्टूलों पर बैठ कर देखा कि कहीं इसमें कोई असुविधा तो नही हो रही।

इस सहृदयता के लिए सालिसटिर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस का आभार जताया। मंगलवार को इंडस्टि्रयल लिकर पर टैक्स के मामले में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार पर नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ सुनवाई कर रही थी।

रोजाना हाथ में लैपटाप लिए दिन भर खड़े रहते हैं
इस पीठ की अध्यक्षता सीजेआइ चंद्रचूड़ कर रहे हैं और मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की कोर्ट में चल रही है। जब सालिसिटर जनरल तुषार मेहता दलीलें रख रहे थे तभी चीफ जस्टिस ने वरिष्ठ वकीलों को सुनवाई में मदद करने वाले उनके पीछे खड़े जूनियर वकीलों का जिक्र करते हुए कहा मिस्टर सालिसिटर हम लगातार नोटिस कर रहे हैं कि हमारे युवा वकील रोजाना हाथ में लैपटाप लिए दिन भर खड़े रहते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि दोपहर में लंच ब्रेक के समय कोर्ट मास्टर इन जूनियर वकीलों के बैठने के लिए स्टूल या कुर्सियां लगाएंगे ताकि वे बैठ सकें।

वे कुर्सियां खाली कर दें ताकि ये लोग बैठ सकें
चीफ जस्टिस की चिंता से सहमति जताते हुए मेहता ने कहा कि वह भी इसे देख रहे हैं और उन्होंने वकीलों से अनुरोध किया है कि जो लोग इस मामले से संबंधित नहीं है वे कुर्सियां खाली कर दें ताकि ये लोग बैठ सकें। लेकिन चीफ जस्टिस ने अपनी बात आगे जारी रखते हुए कहा कि उन्होंने कोर्ट मास्टर से कहा है कि इन लोगों के बैठने के लिए कुछ स्टूल या कुर्सियां लगाई जाएं।

जूनियर वकीलों के लिए क्या सुविधा?
कोर्ट के सूत्र बताते हैं कि चीफ जस्टिस के निर्देश पर कोर्ट कक्ष में जूनियर वकीलों के बैठने के लिए अतिरिक्त स्टूल लगाए गए और लंच ब्रेक के बाद अदालत की कार्यवाही शुरू होने से थोड़ा पहले चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने स्वयं जाकर वहां का जायजा लिया और जूनियर वकीलों के लिए लगाए गए अतिरिक्त स्टूलों पर बैठ कर देखा कि कहीं कोई असुविधा तो नहीं हो रही या कोर्ट को देखने में कोई बाधा तो नहीं आ रही। फिर जब लंच ब्रेक के बाद सुनवाई शुरू हुई तो जो जूनियर वकील सुबह खड़े थे वे सभी लगाए गए अतिरक्त स्टूलों पर बैठ गए और उन्होंने बैठ कर कोर्ट की सुनवाई में हिस्सा लिया।

शाम को चार बजे जब कोर्ट की सुनवाई पूरी हो गई उसके बाद चीफ जस्टिस कोर्ट में तात्कालिक तौर पर लगाए गए अतिरिक्त स्टूल हटा कर वहां विधिवत अतिरिक्त कुर्सियां लगाई गईं। सूत्र बताते हैं कि चीफ जस्टिस कोर्ट में पहले वकीलों के लिए कुल 81 कुर्सियां लगी थी जो कि अब बढ़ा कर करीब सौ कर दी गई हैं।

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