इटली में गुलामी से मुक्त कराए गए 33 भारतीय, बिना छुट्टी के रोज 10-12 घंटे करते थे काम

0 34

इटली में पुलिस ने वेरोना प्रांत में 33 भारतीय खेतिहर मजदूरों को मुक्त करवाया है जिनसे गुलामों जैसा बर्ताव किया जा रहा था।

पुलिस ने शनिवार को कहा कि भारतीयों से गुलाम जैसा काम करवाने वाले दो लोगों से लगभग पांच लाख यूरो जब्त किए हैं। इटली में श्रमिकों के उत्पीड़न का मामला तब चर्चा में आया जब पिछले महीने मशीन में हाथ कटने से भारतीय मजदूर की मौत हो गई थी।

प्रतिदिन 10-12 घंटे काम कराया जाता था
पुलिस ने कहा, भारतीयों को गुलाम बनाने के गिरोह का सरगना भारतीय है। उसने भारतीयों को बेहतर भविष्य का झांसा देकर फंसाया। श्रमिकों को सीजनल वर्क परमिट पर यह कहकर इटली लाया गया कि उनमें से प्रत्येक को 17,000 यूरो मिलेंगे, लेकिन भारतीयों से गुलामों की तरह खेतों में बिना किसी छुट्टी प्रतिदिन 10-12 घंटे काम कराया जाता था।

चार यूरो प्रतिघंटे की दर से मजदूरी मिलती थी
इसके बदले उन्हें केवल चार यूरो प्रतिघंटे की दर से मजदूरी मिलती थी। वास्तव में यह मजदूरी भी नहीं मिलती था, क्योंकि इन मजदूरों को गिरोह ने कर्ज के जाल में फंसा रखा था। कहा गया कि जब तक कि वे अपने सारे कर्ज नहीं चुका देते मजदूरी नहीं मिलेगी।

इटली में गुलामी से मुक्त कराए गए 33 भारतीय, बिना छुट्टी के रोज 10-12 घंटे करते थे काम
इटली में पुलिस ने वेरोना प्रांत में 33 भारतीय खेतिहर मजदूरों को मुक्त करवाया है जिनसे गुलामों जैसा बर्ताव किया जा रहा था। पुलिस ने शनिवार को कहा कि भारतीयों से गुलाम जैसा काम करवाने वाले दो लोगों से लगभग पांच लाख यूरो जब्त किए हैं। पुलिस ने कहा भारतीयों को गुलाम बनाने के गिरोह का सरगना भारतीय है। उसने भारतीयों को बेहतर भविष्य का झांसा देकर फंसाया।

भारतीय है गिरोह का सरगना, बेहतर भविष्य का झांसा देकर फंसाया
बिना छुट्टी प्रतिदिन 10-12 घंटे खेतों में काम कराया जाता था
रॉयटर, रोम। इटली में पुलिस ने वेरोना प्रांत में 33 भारतीय खेतिहर मजदूरों को मुक्त करवाया है जिनसे गुलामों जैसा बर्ताव किया जा रहा था। पुलिस ने शनिवार को कहा कि भारतीयों से गुलाम जैसा काम करवाने वाले दो लोगों से लगभग पांच लाख यूरो जब्त किए हैं। इटली में श्रमिकों के उत्पीड़न का मामला तब चर्चा में आया जब पिछले महीने मशीन में हाथ कटने से भारतीय मजदूर की मौत हो गई थी।

प्रतिदिन 10-12 घंटे काम कराया जाता था
पुलिस ने कहा, भारतीयों को गुलाम बनाने के गिरोह का सरगना भारतीय है। उसने भारतीयों को बेहतर भविष्य का झांसा देकर फंसाया। श्रमिकों को सीजनल वर्क परमिट पर यह कहकर इटली लाया गया कि उनमें से प्रत्येक को 17,000 यूरो मिलेंगे, लेकिन भारतीयों से गुलामों की तरह खेतों में बिना किसी छुट्टी प्रतिदिन 10-12 घंटे काम कराया जाता था।

चार यूरो प्रतिघंटे की दर से मजदूरी मिलती थी
इसके बदले उन्हें केवल चार यूरो प्रतिघंटे की दर से मजदूरी मिलती थी। वास्तव में यह मजदूरी भी नहीं मिलती था, क्योंकि इन मजदूरों को गिरोह ने कर्ज के जाल में फंसा रखा था। कहा गया कि जब तक कि वे अपने सारे कर्ज नहीं चुका देते मजदूरी नहीं मिलेगी।

कुछ भारतीय श्रमिकों से कहा गया कि स्थायी वर्क परमिट के लिए अतिरिक्त 13,000 यूरो का भुगतान करना होगा। इसलिए जब तक यह रकम नहीं चुका देते मुफ्त में काम करें। इसे चुकाना इन श्रमिकों के लिए असंभव था। इस गिरोह पर दासता और श्रम शोषण के आरोप लगाए गए हैं।

कानूनी निवास के कागजात दिए जाएंगे
पुलिस ने कहा कि पीड़ितों को सुरक्षा, काम के अवसर और कानूनी निवास के कागजात दिए जाएंगे। गौरतलब है कि अन्य यूरोपीय देशों की तरह, इटली में भी श्रमिकों की कमी बढ़ती जा रही है। इमिग्रेशन के जरिये श्रमिकों की कमी पूरी की जाती है। खासकर कम वेतन वाली नौकरियों में यहां प्रवासी कार्य वीजा प्रणाली है। इसमें धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.