पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ ‘अनुपयुक्त भाषा’ का इस्तेमाल करने से संबंधित मामले में शुक्रवार को लाहौर उच्च न्यायालय में पेश हुए और उन्हें 26 अप्रैल तक जमानत मिल गई.
इस्लामाबाद पुलिस ने एक भाषण देने को लेकर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान के खिलाफ छह अप्रैल को मामला दर्ज किया था. उस भाषण में खान ने कथित रूप से (इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस के) ‘‘वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के खिलाफ अनुपयुक्त भाषा का इस्तेमाल किया था और उनके परिवारों की जिंदगी जोखिम में डाली थी.
लाहौर उच्च न्यायालय ने 70 वर्षीय खान को राहत प्रदान की है और उन्हें जमानत की अवधि बढ़वाने के लिये इस्लामाबाद में संबंधित अदालत से संपर्क करने का निर्देश दिया. पूर्व प्रधानमंत्री कड़ी सुरक्षा के बीच लाहौर उच्च न्यायालय में पेश हुए. एक अदालती अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अली बकीर नजफी ने इमरान को उनके इस अनुरोध पर सुरक्षात्मक जमानत दी कि इस्लामाबाद पुलिस द्वारा उनके विरूद्ध दर्ज किये गये ‘तुच्छ’ मामले में वह जांच में शामिल होना चाहते हैं.”
उन्होंने कहा, ‘‘न्यायाधीश ने 26 अप्रैल तक उन्हें सुरक्षात्मक जमानत दी और उन्हें जमानत की अवधि में विस्तार के लिए इस्लामाबाद में संबंधित अदालत में जाने का निर्देश दिया.” लाहौर उच्च न्यायालय के परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में खान ने कहा कि खासकर पंजाब में चुनाव कराने के उच्चतम न्यायालय के आदेश की सरकार द्वारा खुली अवहेलना से देश की बदनामी हुई है.
उन्होंने कहा कि संघीय सत्तारूढ़ गठबंधन अपने शासन को लंबा खींचने के लिए चुनाव नहीं चाहता है, जबकि संविधान के तहत एसेम्बली भंग किये जाने के चुनाव कराने में 90 दिनों से अधिक समय नहीं लगना चाहिए.