पोप फ्रांसिस ने समलैंगिकता को अपराध घोषित करन वाले कानूनों की निंदा की है। उन्होंने इन कानूनों को अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा, ईश्वर अपने सभी बच्चों को उसी तरह प्यार करता है, जैसे वे हैं।
पोप ने कानूनों का समर्थन करने वाले सभी कैथलिक बिशप का आह्वान किया कि एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों का गिरजाघरों में स्वागत किया जाए। पोप फ्रांसिस ने साक्षात्कार में कहा, समलैंगिक होना जुर्म नहीं है।
उन्होंने माना कि कुछ हिस्सों में कैथलिक बिशप उन कानूनों का समर्थन करते हैं जिनमें समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी में रखा गया है या एलजीबीटीक्यू समुदाय के साथ भेदभाव हुआ है। उन्होंने इसके लिए सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को जिम्मेदार ठहराया। कहा, सभी बिशप को लोगों की गरिमा के लिए बदलाव से गुजरना होगा।