Google ने शुल्क विवाद को लेकर भारतीय मैट्रिमोनी ऐप्स को Play Store से हटाया

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Google ने शुक्रवार को भारत में 10 कंपनियों के ऐप्स के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए इन्‍हें गूगल प्‍ले स्‍टोर से हटाना शुरू कर दिया है.

Google ने सेवा शुल्‍क भुगतान विवाद के बाद यह कदम उठाया है. हटाए जाने वाले एप्‍स में भारत मैट्रिमोनी जैसे कुछ लोकप्रिय मैट्रिमोनी ऐप्स भी शामिल हैं, जिसके बाद स्टार्टअप फर्मों के साथ टकराव की आशंका जताई जा रही है. गूगल के इस कदम को लेकर कुछ भारतीय कंपनियों के संस्‍थापकों ने काफी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. Matrimony.com के संस्थापक ने गूगल के कदम को “भारतीय इंटरनेट का काला दिन” बताया है.

रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, यह विवाद कुछ भारतीय स्टार्टअप्स के Google को ऐप भुगतान पर 11 से 26 फीसदी शुल्क लगाने से रोकने की कोशिश को लेकर है. शुल्‍क की पुरानी प्रणाली में यह फीस 30 फीसदी तक थी. Google को जनवरी और फरवरी में दो अदालती फैसलों के बाद शुल्क वसूलने या ऐप्स हटाने की अनुमति मिल गई थी.

Matrimony.com के डेटिंग ऐप्स भारत मैट्रिमोनी, क्रिश्चियन मैट्रिमोनी, मुस्लिम मैट्रिमोनी और Jodii को शुक्रवार को हटा दिया गया. Matrimony.com के संस्‍थापक मुरुगावेल जानकीरमन ने इस कदम को “भारतीय इंटरनेट का काला दिन” बताया. उन्‍होंने कहा, “हमारे ऐप्स एक-एक करके डिलीट होते जा रहे हैं.”

Alphabet Inc की एक यूनिट ने भारतमैट्रिमोनी ऐप का संचालन करने वाली भारतीय कंपनी Matrimony.com और जीवनासाथी एप चलाने वाली Info Edge को प्ले स्टोर उल्लंघन के नोटिस भेजे हैं. दोनों कंपनियां नोटिस की समीक्षा कर रही हैं और इसके बाद अगले कदम पर विचार करेंगी. उनके अधिकारियों ने इस बारे में रॉयटर्स को बताया है.

सिंघल ने की ईस्‍ट इंडिया कंपनी से की तुलना
स्‍टेज एप के सीईओ और सह संस्‍थापक विनय सिंघल ने एक एक्‍स पोस्‍ट में लिखा, “एक ऐसी कंपनी के लिए जिसका आदर्श वाक्य था – बुरा मत बनो, Google इस समय सभी बुरी चीजें कर रहा है. STAGE ऐप को आज कुछ घंटों के नोटिस पर Google Plays Store से हटा दिया गया, सिर्फ इसलिए क्योंकि हमने ऐप के अंदर केवल उनके बिलिंग सिस्टम को अनुमति देने की उनकी एकाधिकारवादी नीति को मानने से इनकार कर दिया.”

उन्‍होंने लिखा, “हम सभी ने पढ़ा है कि कैसे करीब 400 साल पहले ईस्ट इंडिया कंपनी ने हमारे देश पर कब्जा कर लिया था, जब यह हो रहा था (और शायद 100 गुना अधिक) तो ऐसा ही महसूस हुआ होगा.

उन्‍होंने लिखा, “Google ने CCI के सीधे आदेश की भी परवाह नहीं की, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि वे डेवलपर्स को तीसरे पक्ष के बिलिंग सिस्टम का उपयोग करने से प्रतिबंधित न करें. संदेश बड़ा और स्पष्ट है – हम आपके लिए बहुत बड़े हैं और इस देश के कानून हम पर लागू नहीं होते.”

साथ ही उन्‍होंने पीएम नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए लिखा, “हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल इंडिया को इतनी बड़ी सफलता बनाने के लिए इतना प्रयास करते हैं, अगर Google जैसी डिजिटल ईस्ट इंडिया कंपनियां इस तरह से भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म कर दें तो इसका क्या मतलब है.”

प्रतिक्रिया रणनीतिक होनी चाहिए : बिखचंदानी
Info Edge के संस्‍थापक संजीव बिखचंदानी ने अपनी एक एक्‍स पोस्‍ट में लिखा, “भारतीय कंपनियां इसका पालन करेंगी – अभी के लिए. लेकिन भारत को एक ऐप स्टोर/प्ले स्टोर की जरूरत है, जो डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का हिस्सा हो – जैसे यूपीआई और ओएनडीसी. प्रतिक्रिया रणनीतिक होनी चाहिए @पीयूष गोयल.”

इस मामले में गूगल ने दिया स्‍पष्‍टीकरण
Google ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि 10 भारतीय कंपनियों ने “Google Play से प्राप्त होने वाले अपार मूल्य” के लिए भुगतान नहीं करने का निर्णय लिया है. कंपनी ने कहा, “वर्षों से किसी भी अदालत या नियामक ने Google Play के शुल्क लेने के अधिकार से इनकार नहीं किया है.” साथ ही कहा कि 9 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने भी उसके ऐसा करने के अधिकार में “हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था.”

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