पिछले तीन दिनों से जिले में वायु प्रदूषण सबसे खराब श्रेणी में था। देश के 243 शहरों में बुधवार को गाजियाबाद सबसे प्रदूषित रहा।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 275 दर्ज किया गया। यह पहली बार नहीं है कि गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा है। इसके बाद भी संबंधित विभाग के अधिकारी मौन हैं। जमीन पर कोई काम नहीं है। ग्रेटर नोएडा 271 इकाइयों के साथ दूसरे स्थान पर रहा। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी), जीडीए, नगर निगम, परिवहन विभाग समेत जिले के 20 से अधिक विभाग प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नहीं रोक पा रहे हैं।
कई जगह चल रही अवैध फैक्ट्रियां
इसके बाद भी लोनी, भोपुरा, साहिबाबाद समेत कई इलाकों में अवैध फैक्ट्रियां चल रही हैं। विभागीय अधिकारियों द्वारा ऐसे सभी कारकों को चिन्हित कर लिया गया है जो प्रदूषण का मुख्य कारण हैं।