दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली का बजट रोके जाने को लेकर मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
इसमें उन्होंने कहा कि बजट बहुत पवित्र होता है और यह लोकतंत्र का एक बहुत बड़ा पर्व है। मुझे याद नहीं आता कि देश क्या पूरे विश्व में किसी राज्य का बजट पेश होने से रोक लिया जाए।
यह बेहद शर्मनाक है। लोग देखते होंगे तो क्या सोचते होंगे कि एक प्रधानमंत्री एक छोटे से राज्य का बजट रोक रहे हैं। सौरभ ने आगे कहा कि अस्पताल में स्ट्रेचर खींचने वाला, सड़कों पर झाड़ू लगाने वाला, स्कूल में पढ़ाने वाला क्या सोचता होगा कि बजट रोककर उसका वेतन रोका जा रहा है।
सौरभ ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि इनका कहना है कि हम खबर प्लांट करते हैं। इनको हमने 9 मार्च को ही बजट तैयार कर भेज दिया था। 11 दिन पहले ही भेज दिया था। सौरभ ने सवाल करते हुए कहा, आखिर क्यों दिल्ली के मुख्य सचिव ने अपने पास तीन दिन तक बजट से जुड़ी इतनी अहम चिट्ठी क्यों रखी? वित्त सचिव और मुख्य सचिव किसके लिए काम कर रहे हैं।
सौरभ का आरोप है कि दोनों सचिव केंद्र के इशारे पर काम कर रहे हैं। यह दिल्ली के खिलाफ षड्यंत्र है। मैं जानना चाहता हूं एलजी से क्या वो शाम तक वित्त और मुख्य सचिव को नौकरी से निकालेंगे। नहीं निकालेंगे क्योंकि यह सब केंद्र के इशारे पर हो रहा है।
सौरभ ने पूछा कि यह कैसी सांविधानिक व्यवस्था है कि जो बजट इतना गुप्त होता है, वह बजट केंद्र सरकार के पास क्यों जाएगा। आखिर कोई केंद्र का बाबू दिल्ली की चुनी हुई सरकार से ऊपर कैसे हो सकता है। यह सांविधानिक व्यवस्था नहीं हो सकती, यह कैसे संभव है। यह गैरकानूनी और गैरसांविधानिक है।
सौरभ ने कहा कि यह झूठ कहा जा रहा है कि कैपिटल एक्सपेंडीचर कम है और विज्ञापन का ज्यादा है। यह सरासर झूठ है।