कुवैत अग्निकांड के बाद दरभंगा का कालू खान लापता, परिजनों का रो रो कर बुरा हाल

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कुवैत में हुए भीषण अग्निकांड में दरभंगा जिला के सदर प्रखंड के नैनाघाट गांव के कालू खान का कोई अता पता नहीं चल पा रहा और ना ही कोई संपर्क हो पा रहा है.

अनहोनी की आशंका को लेकर परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है, युवक उसी बिल्डिंग में काम करता था, जिसमें आग लगी थी. परिजनों ने बताया कि कल रात 11बजे तक बातचीत हुई थी, उसके बाद घटना की जानकारी मिली. घटना की जानकारी मिलने के बाद से ही कालू खान से कोई संपर्क हो पा रहा है ना ही वहां पर रहने वाले अन्य लोगों से कोई जानकारी मिली है.

आखिरी कॉल पर कालू खान ने मां से क्या कहा
इस बारे में जब दूतावास से संपर्क किया गया तो अधिकारियों ने पासपोर्ट की कॉपी मंगाई है जिसे भेज दिया गया है. अधिकारियों ने कहा कि कोई इनपुट मिलने पर ही कोई जानकारी दी जाएगी. इधर कालू खान की मां मदीना खातून ने कहा कि दो साल पहले वह कुवैत गया था और आखिरी बार बात रात को हुई थीं. तब उसने कहा था कि पैसा भेजेंगे, जिससे घर में बिजली लगा लेना और शादी होनी थी. जिसके लिए अगले महीने की पांच तारीख को आना था, तीन बेटो में सबसे बड़ा बेटा कालू खां ही था.

शवों को आज विशेष विमान से लाया जाएगा भारत
कुवैत शहर में बुधवार को लगी भीषण आग में मारे गए 45 भारतीय नागरिकों के शवों को भारत विशेष विमान से वापस लाएगा. विमान आज यानि शुक्रवार सुबह कोच्चि में उतरेगा और फिर दिल्ली के लिए रवाना होगा. कुवैत में भारतीय दूतावास ने ये जानकारी दी. बयान के अनुसार, मृतकों में से अधिकांश केरल (23) से हैं, इसके बाद तमिलनाडु से सात, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश से तीन-तीन, ओडिशा से दो और बिहार, पंजाब, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखंड और हरियाणा से एक-एक मृतक शामिल हैं.

विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भी पहुंचे थे कुवैत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह गुरुवार को कुवैत पहुंचे. पहुंचते ही उन्होंने पार्थिव शरीर को शीघ्र स्वदेश लाने के लिए कुवैती सरकार के साथ समन्वय स्थापित किया. बुधवार को मंगाफ क्षेत्र में एक इमारत में लगी आग में इनकी मौत हो गई थी. इमारत में मौजूद 176 भारतीय मजदूरों में से 45 की मौत हो गई, जबकि 33 अस्पताल में भर्ती हैं और बाकी सुरक्षित बताए जा रहे हैं.

कुवैत पहुंचने के तुरंत बाद, मंत्री ने पांच अस्पतालों (अदन, मुबारक अल-कबीर, जाबेर, फरवानिया और जाहरा) का दौरा किया, जहां घायल भारतीयों का इलाज किया जा रहा है, और उनसे बातचीत की. अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, सभी मरीज सुरक्षित बताए जा रहे हैं और उनकी चिकित्सा स्थिति के आधार पर उन्हें धीरे-धीरे छुट्टी दी जाएगी.

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