भारत में अमेरिका के अगले राजदूत होंगे एरिक गार्सेटी, US सीनेट ने लगाई मुहर

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अमेरिकी संसद की विदेश मामलों से संबंधित समिति ने भारत में राजदूत के लिए लॉस एंजिल्स के पूर्व मेयर एरिक गार्सेटी के नाम पर मुहर लगा दी है. राष्ट्रपति जो बाइडन ने एरिक गार्सेटी के नाम का प्रस्ताव समिति के पास भेजा था.

कुल 52 वोट भारत में अमेरिकी राजदूत के लिए डाले गए, जिसमे से 42 वोट एरिक गार्सेटी के पक्ष में पड़े. डेमोक्रेट के सभी सदस्यों के साथ-साथ रिपब्लिकन सीनेटर टॉड यंग और बिल हेर्टी ने भी एरिक गार्सेटी के पक्ष में मतदान किया.

एरिक गार्सेटी राष्ट्रपति जो बाइडन के चुनाव प्रचार अभियान के सह अध्यक्ष थे. उन्हें जो बाइडन का काफी करीबी माना जाता है. माना जा रहा था कि एरिक को बाइडन की कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है, लेकिन जिस तरह से जैकब्स विवाद सामने आया, वह इस रेस से बाहर हो गए थे. एरिक पर रिक जैकब्स का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा था. जनवरी 2021 से भारत में अमेरिका का कोई राजदूत नहीं था, तकरीबन दो साल के बाद अमेरिका ने भारत में अपने स्थायी राजदूत को नियुक्त किया है.

2013 में पहली बार लड़ा था मेयर का चुनाव
एरिक गार्सेटी एक बेहतरीन फोटोग्राफर, कंपोजर और पियानिस्ट भी हैं. गार्सेटी अमेरिकी नेवी में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2013 में पहली बार उन्होंने मेयर का चुनाव लड़ा और उन्हें इसमे जीत मिली थी. 2017 में उन्होंने दोबारा चुनाव लड़ा और इसमे जीत हासिल की.

विवादों से रहा है नाता
एरिक गार्सेटी पर अपने सहयोगी रिक जैकब्स के यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं. जुलाई 2021 में भारत में अमेरिका का स्थायी राजदूत के रूप में गार्सेटी का नाम प्रस्तावित किया गया था. विदेश संबंध समिति के पास ये प्रस्ताव आया तो विरोध के चलते इसपर फैसला नहीं हो पाया. इससे पहले माना गया था कि वह बाइडन की कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं, लेकिन रिक जैकब्स विवाद के सामने आने के बाद उनका यह मौका खत्म हो गया. 9 जनवरी 2020 को गार्सेटी ने डेमोक्रेटिक पार्टी के नॉमिनेशन के लिए बाइडन को एंडोर्स किया था. हालांकि, साल 2017 तक गार्सेटी खुद को अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए सफल उम्मीदवार के तौर पर देखते थे.

वोटिंग कमेटी में हुए थे शामिल
पिछले साल अप्रैल में गार्सेटी को डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के साथी का चयन करने के लिए वोटिंग कमेटी में नामित किया गया था. नवंबर 2020 में गार्सेटी को बाइडन प्रशासन में ट्रांसपोर्ट मंत्री के तौर पर देखा गया था.

भारत में अमेरिकी राजदूत की जरूरत
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘हमने आज सीनेटर की ओर से इस मामले में कार्रवाई देखी. हम दिल से इसकी सराहना करते हैं. अमेरिका को भारत में एक राजदूत चाहिए. ग्राउंड पर हमारी टीम चार्ज डी अफेयर्स सहित, जिन्होंने एक राजदूत के स्थान पर सेवा की है, उन्होंने असाधारण कार्य किया है.’

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