सीरिया में अच्छे दिन लाने की इच्छा लेकिन धन का है टोटा, पीएम बोले- खजाने में नहीं है विदेशी मुद्रा

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सीरिया की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री मुहम्मद अल-बशीर ने कहा है कि उनका उद्देश्य उन लाखों सीरियाई लोगों को वापस लाना है जो अन्य देशों में शरणार्थी बनकर मुश्किल भरा जीवन जी रहे हैं।

साथ ही सभी नागरिकों की सुरक्षा और उनकी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा। लेकिन इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए देश के खजाने में विदेशी मुद्रा नहीं है।

सीरिया की आर्थिक स्थिति खराब
सीरिया के खजाने में केवल सीरियन पाउंड (सीरियाई मुद्रा) हैं जबकि देश में एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 35 हजार सीरियन पाउंड है। देश की आर्थिक स्थिति खराब है। बशीर ने यह बात इटली के एक अखबार को दिए साक्षात्कार में कही है। जबकि हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेता अबू मुहम्मद अल-गोलानी ने कहा है कि सीरिया में बशर अल-असद की सत्ता के दौरान जो लोग भी निर्दोंषों की हत्या और उन पर अत्याचार के लिए जिम्मेदार होंगे उन्हें माफ नहीं किया जाएगा। ऐसे लोगों को निश्चित ही दंडित किया जाएगा।

इस बीच सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्जा करने वाले संगठन एचटीएस से अमेरिकी अधिकारियों ने संपर्क स्थापित कर लिया है और उन्होंने अंतरिम सरकार को प्रक्रियागत तरीके से चलाने का अनुरोध किया है।अमेरिका की

आतंकी संगठनों की सूची में भी एचटीएस का नाम
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि नई सरकार को अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए, सभी जरूरतमंदों को मानवीय सहायता की उपलब्धता सुनिश्चित करानी चाहिए और सीरिया को आतंकियों का ठिकाना बनने या उनके खतरे से बचाना चाहिए। वैसे एचटीएस भी पूर्व में आतंकी संगठन अल कायदा से जुड़ा रहा है। अमेरिका की आतंकी संगठनों की सूची में भी एचटीएस का नाम है।

मंगलवार को राजधानी के बैंक और बाजार खुले
अंतरिम सरकार ने सीरिया के पुनर्निर्माण का संकल्प जताया है लेकिन बशीर ने कहा है कि वह एक मार्च तक ही अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगे। 13 वर्षों के गृह युद्ध में सीरिया के शहरों को भारी नुकसान हुआ है। तमाम सरकारी और निजी संपत्ति के साथ ही आधारभूत ढांचा भी नष्ट हो गया है। दसियों लाख लोग अस्थायी आवासों में रह रहे हैं और उनसे ज्यादा पलायन करके पड़ोसी देशों में शरण लिए हुए हैं।

लेकिन बिना खूनखराबे के दमिश्क पर विद्रोहियों के कब्जे के बाद बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। मंगलवार को राजधानी के बैंक और बाजार खुले, सड़कों पर भी सामान्य आवागमन देखने को मिला। इस सबके बीच महज कुछ लोग हथियार लेकर व्यवस्थाएं संभालते दिखे।

असद बने दुनिया के सबसे धनी शरणार्थी
सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद दुनिया के सबसे धनी शरणार्थी बन बन गए हैं। उन्होंने अपने परिवार के साथ मास्को भागने से पहले कथित रूप से 135 अरब डालर रूस ट्रांसफर कर दिए थे। रूस ने उन्हें शरण दी है। रूस असद का बड़ा समर्थक है। हालांकि असद आम शरणार्थी की तरह नहीं हैं। उनके लिए मास्को में पहले से ही शानदार व्यवस्था है। इस बीच, रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि रूस में सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति असद सुरक्षित हैं। उनके प्रत्यर्पण के सवाल पर सर्गेई ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में रूस कोई पार्टी नहीं है।

असद को हटाने में अमेरिका-इजरायल का हाथ : खामेनेई
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद को अपदस्थ करने को अमेरिका और इजरायल का षडयंत्र बताया है। उन्होंने कहा, इनके अतिरिक्त असद को हटाने में एक और पड़ोसी देश की भूमिका रही है। खामेनेई ने उस पड़ोसी देश का नाम नहीं लिया है लेकिन माना जा रहा है कि उनका संकेत तुर्किये की ओर है।

32 वर्ष बाद रिहा होकर परिवार से मिले
असद सरकार गिरने के बाद जेल से मुक्त किए गए लोगों की घर वापसी का सिलसिला जारी है। इन्हीं में शामिल सुहेल हामवी 32 वर्ष बाद जेल से मुक्त होकर बुधवार को घर पहुंचे और परिवारीजनों से मिले। पेशे से व्यापारी सुहेल को साजिश के तहत 1992 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल से नहीं निकले थे।

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