AFSPA हटाने और कुकी उग्रवादियों पर कार्रवाई की मांग… मणिपुर में शांति बहाली के लिए विधायकों की बैठक

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मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रदेश के विधायकों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई.

इस बैठक में राज्य में शांति बहाली और हालिया हिंसा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई. बैठक में विधायकों ने कई सख्त कदम उठाने के प्रस्ताव पारित किए और केंद्र सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की.

उग्रवादियों के खिलाफ सात दिनों में कार्रवाई की मांग
बैठक में राज्य के कुछ क्षेत्रों में लागू AFSPA (आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर्स एक्ट) को तुरंत हटाने पर जोर दिया गया. इस मांग को उठाने वालों में बीजेपी के भी विधायक भी शामिल हैं. इसके साथ ही, जिरीबाम और बिष्णुपुर जिलों में हुई हिंसक घटनाओं में निर्दोष महिलाओं और बच्चों की हत्या के लिए जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सात दिनों में कड़ी कार्रवाई की मांग की गई.

बैठक के दौरान पारित प्रस्ताव में कहा गया कि AFSPA के तहत 14 नवंबर 2024 को जारी आदेश को केंद्र सरकार तुरंत वापस ले. इसके अलावा, जिरीबाम में 6 मासूम महिलाओं और बच्चों की हत्या और अन्य घटनाओं में शामिल कुकी उग्रवादियों को ‘अवैध संगठन’ घोषित करने की मांग की गई. सत्तारूढ़ विधायकों ने जोर देकर कहा कि जिरीबाम और बिष्णुपुर में हुई घटनाओं की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से कराई जाए.

बड़ी घटनाएं
जिरीबाम घटना: 6 महिलाओं और बच्चों की हत्या.
हमार महिला का मामला: 7 नवंबर को जिंदा जलाने की घटना.
मेइती महिला किसान की हत्या: 9 नवंबर को सैतोन में हुई हत्या.

विधायकों ने इस बात पर भी गहरी नाराजगी व्यक्त की कि हालिया हिंसा में उनके घरों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया. उन्होंने कहा, “मंत्रियों और विधायकों पर हमला कर उनकी संपत्तियों को जलाना और लूटना बेहद निंदनीय है. ऐसे बर्बर कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”

राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की अपील
बैठक में विधायकों ने यह भी चेतावनी दी कि अगर प्रस्तावित कदम समयबद्ध तरीके से नहीं उठाए गए, तो एनडीए के विधायक राज्य की जनता के साथ परामर्श कर भविष्य की रणनीति तय करेंगे. सभी विधायकों ने एक स्वर में केंद्र और राज्य सरकार से अपील की कि मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं.

इस बैठक के निर्णय मणिपुर में वर्तमान अशांत माहौल को शांत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माने जा रहे हैं. विधायकों ने राज्य में शांति लाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने का संकेत दिया है. जनता और उनके प्रतिनिधियों के बीच भरोसा बहाल करना इस समय सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए.

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