दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण रूपी जहर का स्तर बढ़ता जा रहा है. लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं सामने आने लगी हैं.
आने वाले दिनों में दिल्ली के आसपास पराली जलने से ये समस्या खतरनाक स्तर तक पहुंच सकती है. दिल्ली के आनंद विहार में अभी एक्यूआई लेवल 332 तक पहुंच गया है. दिल्ली में प्रदूषण को रोकने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. पटाखों पर प्रतिबंध से लेकर ग्रैप-1 तक लागू किया गया है.
दिल्ली-NCR की हवा कितनी ‘जहरीली’
राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार 21 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान पर काम कर रही है। इस बीच दिल्ली में लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी है. गुरुवार को कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खराब श्रेणी में पहुंच गया. अलीपुर में एक्यूआई 261 दर्ज किया गया है. आनंद विहार में 332, चांदनी चौक में 262, अशोक विहार में 261, द्वारका सेक्टर-8 में 339, मुंडका में 370, पटपड़गंज में 322 दर्ज किया गया है. वहीं, गुरुग्राम के सेक्टर-51 में एक्यूआई लेवल, 201, फरीदाबाद के सेक्टर-11 में 224, नोएडा के सेक्टर-1 में 233, गाजियाबाद के इंदिरापुरम में 233 दर्ज किया गया.
सांस लेने में हो रही तकलीफ
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच तमिलनाडु से दिल्ली आए महावीर ने आईएएनएस से बात की. उन्होंने बताया कि प्रदूषण से बचाव के लिए चेहरे पर मास्क लगाया है. मैंने सुना है कि दिल्ली में अक्टूबर माह में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. यह अब महसूस भी हो रहा है. मुझे सांस लेने में तकलीफ हो रही है. इसलिए मास्क लगाकर घूमना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार जो गाइडलाइंस प्रदूषण की रोकथाम के लिए बना रही है, उसे आम लोगों को भी फॉलो करना चाहिए. जिससे प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके.
दिल्ली में लागू है ग्रैप-1
हाल ही में दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा था करीब तीन माह के बाद वायु की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंची है. इसे देखते हुए ग्रैप-1 लागू कर दिया गया है. वहीं, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और गोपाल राय ने दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इस बैठक के बाद बताया गया था कि धूल प्रदूषण रोकने के लिए 99 टीमें निर्माण स्थलों का निरीक्षण करेंगी, जिसमें पीडब्ल्यूडी से 200, एमसीडी से 30, एनसीआरटीसी 14 और डीएमआरसी से 80 एंटी स्मॉग गन की तैनाती की जाएगी.
दिल्ली सरकार ने दिल्ली के लोगों से अपील की है कि वह पटाखे न जलाए, कहीं पर भी प्रदूषण होता पाएं तो ग्रीन दिल्ली एप पर सूचना दें. दिल्ली सरकार ने इस बार भी पटाखें की ब्रिकी, खरीद और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है.
धूल नियंत्रण के लिए पोर्टल
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने ‘डस्ट पॉल्यूशन कंट्रोल सेल्फ-असेसमेंट’ पोर्टल शुरू किया है जिस पर राष्ट्रीय राजधानी में निर्माण एवं तोड़फाड़ संबंधी सभी परियोजनाओं को अपना पंजीकरण कराना और नियमित रूप से धूल नियंत्रण ‘ऑडिट’ को अपलोड करना अनिवार्य होगा. प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ने एक नोटिस में कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा 20 दिसंबर, 2021 को जारी निर्देशों के अनुरूप डीपीसीसी ने अब यह अनिवार्य कर दिया है कि 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक के भूखंड के क्षेत्र पर कार्यरत सभी निर्माण और तोड़फोड़ (सी एंड डी) परियोजनाओं को एक नव-विकसित वेब पोर्टल पर दर्ज करना होगा. पोर्टल को ऑनलाइन स्व-मूल्यांकन और दूरस्थ निगरानी की सुविधा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों का उचित ढंग से क्रियान्वयन किया जा रहा है. नोटिस में कहा गया है कि इसमें परियोजना प्रस्तावकों से धूल नियंत्रण तरीकों का नियमित स्व-लेखा परीक्षण करने और 15 दिन पर स्व-घोषणा प्रस्तुत करने की अपेक्षा की जाती है.