Danish Ali ने रमेश बिधूड़ी और महुआ मोइत्रा केस में अलग-अलग मापदंड अपनाने का लगाया आरोप, ओम बिरला को लिखा पत्र

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बसपा सांसद दानिश अली ने शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी की उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी और तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे ‘सवाल के बदले रिश्वत’ के आरोप के मामलों में अलग-अलग मापदंड अपनाए गए हैं जो संसदीय प्रक्रियाओं का उल्लंघन है।

बिधूड़ी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के अपने नोटिस का जिक्र करते हुए दानिश ने कहा-

स्थापित प्रक्रिया के अनुसार शिकायतकर्ता को पहले विशेषाधिकार समिति के समक्ष बुलाया जाता है और फिर आरोपित को बुलाया जाता है। हालांकि जिस सदस्य पर मेरे खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का आरोप है, उसे बुलाया गया प्रतीत होता है। यह इस तथ्य से साबित होता है कि मुझे अब तक समिति में अपना पक्ष रखने के लिए नहीं बुलाया गया है। वहीं आचार समिति ने महुआ मोइत्रा के मामले में उचित प्रक्रिया का पालन किया है।

दानिश ने बिरला से अनुरोध किया कि वह अधिकारियों को निर्देश दें कि बिधूड़ी के खिलाफ साक्ष्य देने के लिए उन्हें पहले विशेषाधिकार समिति के समक्ष बुलाया जाए। उन्होंने यह दावा भी किया कि आचार समिति के प्रमुख विनोद कुमार सोनकर ने मोइत्रा के मामले में सार्वजनिक रूप से बयान देकर नियम 275 का उल्लंघन किया है।

आचार समिति के प्रमुख ने कहा है कि उन्हें तृणमूल की सांसद के खिलाफ कथित नैतिक कदाचार की शिकायत के संबंध में हलफनामा मिला है। मोइत्रा के खिलाफ शिकायत करने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को आचार समिति ने मौखिक साक्ष्य के लिए 26 अक्टूबर को बुलाया है। अली ने दावा किया, आश्चर्य है कि एक तरह के नोटिस/शिकायत के मामलों में दो तरह की प्रक्रियाओं का पालन कैसे किया जा रहा है

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