बरेली के थाना शाही के गांव दाढ़ा की रहने वाली एसिड अटैक पीड़ित मुन्नी देवी ने वेंटीलेटर पर रविवार की रात दम तोड़ दिया।
ताऊ ने बरेली में ही उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया। सप्ताह भर पहले शादी के बाद अपनों ने ही सम्मान की खातिर उसकी हत्या की कोशिश की थी।
तोताराम ने अपनी पुत्री मुन्नी देवी की शादी 22 अप्रैल को बदायूं के बिनावर थाने के भगवानपुर गांव निवासी देवेंद्र के साथ की थी। मुन्नी का गांव के ही युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा था। मुश्किल से उसकी शादी हो सकी। वह ससुराल में भी रहने को तैयार नहीं थी।
ससुराल वालों की शिकायत पर पहुंचे पिता, भाई व दो बहनोई साजिश रचकर मुन्नी देवी को बुलाकर ले आए और 24 अप्रैल की रात शंखा रोड पर गला दबाकर हत्या की कोशिश की। टॉयलेट क्लीनर (लाइट एसिड) मुंह व शरीर पर डालकर पहचान मिटाने की कोशिश की। उसे मरा समझकर छोड़ गए, हालांकि सुबह वह खेतों से घिसटकर सड़क पर आ गई तो पुलिस की तफ्तीश में भेद खुल गया।
मुन्नी देवी का इलाज भोजीपुरा के निजी मेडिकल कॉलेज में चल रहा था। यहीं रविवार रात उसने आखिरी सांस ली। सूचना पर गांव से कोई नहीं आया। ताऊ तेजराम को बुलाकर पुलिस ने पंचनामा भरा और पोस्टमार्टम करा दिया। ताऊ ने बरेली श्मशान भूमि में ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
आरोपी भाई को किशोर सदन, बहनोई को भेजा जेल
फतेहगंज पश्चिमी। घटना के दिन 12 घंटे में ही एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने घटना का खुलासा कर दिया था। तब शाही के गांव निवासी मुन्नी देवी के पिता तोताराम और बहनोई दिनेश को जेल भेजा था। अब पीड़ित की मौत के बाद पुलिस ने युवती के नाबालिग भाई और दूसरे बहनोई छेदालाल को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी भाई के नाबालिग होने की वजह से उसे किशोर सदन और बहनोई तोताराम को जेल भेजा है। थाना पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी धनेटा फाटक के पास से होने का दावा किया है।
जयमाला से फेरों तक हुई पिटाई, वीडियो वायरल
बरात में भी मुन्नी देवी प्रेमी से शादी की जिद पर अड़ी थी। उसने जलमाला पहनाने और फेरों से भी इंकार कर दिया था। तब बहनोई ने तमंचा दिखाकर धमकाया था। महिलाओं ने उसे मारपीट कर कार में डाला और विदा कर दिया। उस वक्त मारपीट का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
गांव में सन्नाटा, बहन बोली- परिवार बर्बाद हो गया
मृतका तीन बहनों तथा दो भाइयों में तीसरे नंबर की थी। उसकी मौत की खबर से गांव में अजीब तरह का सन्नाटा पसरा हुआ था।
घर में दूसरी बहनें और परिवार की महिलाएं उसके बारे में बात करने को भी तैयार नहीं थीं। बहन ने तो यहां तक कहा कि उसने परिवार का नाम खराब किया है, उसके बारे में कुछ नहीं कहना चाहते। परिवार के लोगों ने भी गुस्से में गलती की, इसकी सजा उनका पूरा परिवार भोग रहा है।
युवती की मृत्यु के बाद शव पोस्टमार्टम कराकर परिवार को सौंप दिया गया। हत्या की कोशिश के मामले में चार आरोपी नामजद थे। दो को तभी जेल भेज दिया गया था, बाकी दो पर अब कार्रवाई की गई है।