IT सर्वे पर BBC हेड ने भारत में अपने कर्मचारियों से कहा- हमारा कोई एजेंडा नहीं है

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बीबीसी के प्रमुख ने नई दिल्ली और मुंबई के उसके कार्यालयों में आयकर विभाग के ‘सर्वेक्षण’ के कुछ दिनों बाद कहा है कि बीबीसी किसी ‘‘एजेंडे” से नहीं, बल्कि उद्देश्य से संचालित है.

वह निष्पक्ष और बिना किसी डर के रिपोर्टिंग करता रहेगा. ब्रिटेन के मीडिया संस्थान बीबीसी द्वारा गुरुवार को भारत में अपने कर्मचारियों को एक ईमेल में महानिदेशक टिम डेवी ने उनके साहस के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने जोर दिया कि निष्पक्ष रूप से रिपोर्टिंग करने से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है. डेवी ने कहा कि बीबीसी भारत में कर्मचारियों को अपना काम प्रभावी ढंग से और सुरक्षित रूप से करने में मदद करेगा.

बीबीसी के मुताबिक डेवी ने ईमेल में कहा, ‘‘बिना किसी डर या पक्षपात के रिपोर्ट करने की हमारी क्षमता से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है.” उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया भर में हमारे श्रोताओं के लिए हमारा कर्तव्य है कि हम स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता के माध्यम से तथ्यों को सामने लाएं. सबसे अच्छी रचनात्मक सामग्री का निर्माण और वितरण करें. हम उस कार्य से पीछे नहीं हटेंगे.”

डेवी ने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं-बीबीसी का कोई एजेंडा नहीं है. हम उद्देश्य से प्रेरित हैं. हमारा पहला सार्वजनिक उद्देश्य लोगों को उनके आसपास की दुनिया को समझने और उससे जुड़ने में मदद करने के लिए निष्पक्ष समाचार और जानकारी प्रदान करना है.”

लंदन स्थित मुख्यालय से संचालित बीबीसी द्वारा ब्रिटेन में दो-भाग वाले विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ प्रसारित किये जाने के कुछ सप्ताह बाद आयकर विभाग ने सर्वेक्षण किया. डॉक्यूमेंट्री में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2002 के गुजरात दंगों का संदर्भ दिया गया था.

डेवी का ईमेल आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा बीबीसी कार्यालयों में तीन दिन के सर्वेक्षण के एक सप्ताह बाद आया. सर्वेक्षण अभियान के अंत में एक आधिकारिक बयान में बीबीसी ने कहा कि वह अधिकारियों के साथ ‘‘सहयोग करना जारी रखेगा” और आशा करता है कि मामलों को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाएगा.

सर्वेक्षण के बाद अपने बयान में, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि उसे विसंगतियां मिली हैं. संस्थान की इकाइयों द्वारा घोषित आय और लाभ ‘‘भारत में संचालन के पैमाने के अनुरूप नहीं मिले.”

इस हफ्ते की शुरुआत में, संसद में ब्रिटेन सरकार ने बीबीसी और इसकी संपादकीय स्वतंत्रता का मजबूती से बचाव करते हुए कहा, ‘‘हम बीबीसी के लिए खड़े हैं. हम बीबीसी को कोष देते हैं. हमें लगता है कि बीबीसी वर्ल्ड सर्विस महत्वपूर्ण है.”

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