सरकार ने सीएनजी की खुदरा बिक्री करने वाली शहरी गैस कंपनियों को देश में उत्पादित होने वाली सस्ती गैस की आपूर्ति में 20 प्रतिशत तक की कटौती की है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कंपनियों को अपना लाभ बरकरार रखना है तो उन्हें पांच से साढ़े पांच रुपये प्रति किलो सीएनजी का मूल्य बढ़ाना पड़ेगा। ऐसा होने पर सीएनजी वाहनों की बिक्री धीमी हो सकती है।
विधानसभा चुनावों के बाद बढ़ोतरी संभव
हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि सीएनजी कीमतों में बढ़ोतरी को महाराष्ट्र एवं झारखंड में होने जा रहे विधानसभा चुनावों तक टाला जा सकता है। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आइजीएल) और महानगर गैस लिमिटेड ने शेयर बाजारों को बताया कि घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की आपूर्ति में कटौती की गई है। इस गैस का मूल्य आयातित गैस की कीमत से लगभग आधा है।
शेयर बाजार को दी सूचना में क्या बोला IGL
बता दें आईजीएल ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि कंपनी को सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य (6.5 डॉलर प्रति एमबीटीयू) पर सीएनजी बिक्री मात्रा की जरूरत पूरी करने के लिए घरेलू गैस मिलती है, लेकिन नोडल एजेंसी गेल इंडिया से मिली जानकारी के मुताबिक 16 अक्टूबर से कंपनी को घरेलू गैस आवंटन में बड़ी कमी आई है।
सीएनजी के दाम में क्यों हो सकता है इजाफा?
आईजीएल ने कहा कि उसका संशोधित घरेलू गैस आवंटन पिछले आवंटन से लगभग 21 प्रतिशत कम है, जिसका असर उसके लाभ पर पड़ेगा। महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) ने कहा कि सीएनजी के लिए उसका आवंटन पिछले औसत तिमाही आवंटन की तुलना में 20 प्रतिशत कम कर दिया गया है। इस कमी को पूरा करने के लिए कंपनी नए विकल्पों पर विचार कर रही है।
बिहार में सीएनजी के दाम में कमी
हाल ही में बिहारवासियों को सौगात मिली थी। राज्य सरकार ने पीएनजी-सीएनजी पर वैट की दर में भारी कमी की घोषणा की। राज्य सरकार के एक मंत्री ने कहा था कि प्राकृतिक गैस पर अभी तक 20 प्रतिशत की दर से वैट की वसूली हो रही थी। अब यह दर 12.5 से पांच प्रतिशत के बीच होगी। वहीं, घरेलू एवं व्यावसायिक उपयोग हेतु पीएनजी पर वैट की दर को 20 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत किया गया है। मोटर वाहनों के लिए सीएनजी की दर भी अब 20 प्रतिशत के बजाय 12.5 प्रतिशत होगी।