रूस-यूक्रेन युद्ध पर अमेरिका ने उठाया बड़ा कदम, ट्रंप के सामने जेलेंस्की आखिर झुक गए

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एक संपन्न देश कैसे बर्बाद हो सकता है इसका ताजा उदाहरण है यूक्रेन. सोवियत संघ से अलग होने के बाद भी यूक्रेन ने काफी तरक्की की.

मगर फिर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की बने और अमेरिका की तरफ उनका झुकाव बढ़ने लगा. रूस से दूरियां बढ़ाने लगे और नाटो में शामिल होने के लिए हर जतन करने लगे. रूस ने समझाया तो माने नहीं और फिर शुरू हुआ भीषण युद्ध. हजारों लोग मारे गए. घर, मकान, सड़कें, पुल…सच कहें तो यूक्रेन का हर कोना बर्बाद हो गया.

हर तरफ से हार गया यूक्रेन
जेलेंस्की लड़ते रहे और देश के लोगों को लड़ने के लिए उत्साह भरते रहे. जो युद्ध माना जा रहा था कि रूस दो दिन में जीत लेगा, उसे अमेरिका और नाटो देशों के पीछे से सहयोग की वजह से तीन साल तक खींच गए. मगर हुआ क्या? यूक्रेन बर्बाद हो गया. हजारों लोग मारे गए. हजारों देश छोड़कर चले गए. अमेरिका में सत्ता बदली और यूक्रेन की मर्जी के बगैर रूस और अमेरिका ने सऊदी अरब में डील को लेकर बात कर ली. जेलेंस्की को बुलाया तक नहीं गया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को अब तक पीछे से दी गई मदद के बदले यूक्रेन के खनिज संसाधनों तक पहुंच के लिए समझौता करने का भी दबाव डाल दिया.

जेलेंस्की खूब भड़के. अमेरिका को खूब सुनाया. ट्रंप को सीधे चुनौती दी. यूरोपीय देशों को अपने साथ लेकर युद्ध लड़ने की कोशिश की. मगर अब साफ हो गया कि रूस-यूक्रेन युद्ध अब समाप्त होने जा रहा है और इसमें फायदा सिर्फ रूस को होगा.

UN में अमेरिका ने प्रस्ताव पेश किया
राजनयिक सूत्रों ने एएफपी को बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र (UN) में यूक्रेन संघर्ष पर एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें रूस के कब्जे वाले कीव क्षेत्र का कोई उल्लेख नहीं किया गया है. एएफपी द्वारा देखे गए वाशिंगटन के उस प्रस्ताव में कीव की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लेख किए बिना “संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने” का आह्वान किया गया है. संयुक्त राष्ट्र में मास्को के राजदूत वासिली नेबेंज़िया ने इसे “एक अच्छा कदम” बताते हुए स्वागत किया है.

ट्रंप ने जेलेंस्की-पुतिन पर ये कहा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि मॉस्को और कीव के बीच युद्ध को खत्म करने के लिए यूक्रेन के वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की और रूस के व्लादिमीर पुतिन को एक साथ आना होगा. ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, “मुझे लगता है कि राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को एक साथ आना होगा, क्योंकि हम लाखों लोगों को मरने देना बंद करना चाहते हैं.”

जेलेंस्की ने मानी ट्रंप की बात
उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें “उचित परिणाम” की उम्मीद है. जेलेंस्की का यह बयान वाशिंगटन के खनिज संसाधनों तक पहुंच प्रदान करने वाले समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए कीव पर बढ़ते दबाव के लिए आया है. ज़ेलेंस्की ने अपने शाम के वीडियो संबोधन में कहा, “यह एक समझौता है, जो हमारे रिश्ते को मजबूत कर सकता है, और मुख्य बात यह है कि इस पर और काम करना है ताकि यह काम कर सके. मुझे एक परिणाम की उम्मीद है – एक निष्पक्ष परिणाम.”

ट्रंप प्रशासन में उन्होंने रक्षा विभाग के चीफ ऑफ स्टाफ और राष्ट्रीय खुफिया विभाग के उप निदेशक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काम किया था. उनकी नियुक्ति ट्रंप के लिए भी अहम मानी जा रही है, क्योंकि वह अपने दूसरे कार्यकाल के लिए कई बड़े बदलाव कर रहे हैं. पटेल ने अपने बयान में कहा था कि एफबीआई में सुधार लाने और इसे एक मजबूत संगठन बनाने के लिए वह पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा, “मेरा मिशन स्पष्ट है, अच्छे पुलिसकर्मियों को उनका काम करने देना और एफबीआई में विश्वास बहाल करना.

जब काश ने बोले था जय श्रीकृष्णा
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही काश पटेल कंफर्मेशन हियरिंग के लिए सीनेट की ज्यूडिशियल कमेटी के समक्ष पेश हुए थे. उस दौरान उन्होंने कमेटी के सदस्यों के समक्ष अपनी बात रखी थी. उनके साथ ही उनके अभिभावक और उनकी बहन भी उस हॉल में मौजूद थीं. काश पटेल ने कमेटी मेंबर्स से अपने अभिभावक का परिचय कराया था और आखिर अपने अभिभावकों अभिनंदन जय श्रीकृष्णा बोलकर किया छा. कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने के बाद काश पटेल ने अपने अभिभावक के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया था.

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