सीरिया में बशर अल-असद के तख्तापलट से समान रूप से लाभान्वित हुए अमेरिका और तुर्की के बीच तनाव देखने को मिल रहा है.
दरअसल, तुर्की ने अमेरिका समर्थित सीरियाई गुट सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस (SDF) पर हमला कर दिया जिसे लेकर अमेरिका नाराज है. तुर्की मनबीज शहर और उत्तरी सीरिया में एसडीएफ के लड़ाकों पर हमले कर रहा है.
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इसी हफ्ते की शुरुआत में एसडीएफ ने गलती से एक अमेरिकी एमक्यू-9 रीपर ड्रोन को तुर्की का ड्रोन समझकर मार गिराया. एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर अल अरबिया इंग्लिश से कहा, ‘हम देखेंगे कि अगले 48 घंटों में क्या होता है. लेकिन अगर दोबारा ऐसा हुआ तो हम फिर से बर्दाश्त नहीं करेंगे.’
एसडीएफ लड़ाकों को निशाना बनाने को लेकर अमेरिका और तुर्की के बीच पहले भी विवाद होते रहे हैं. दिसंबर 2022 में, अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA के निदेशक बिल बर्न्स ने कथित तौर पर अपने तुर्की समकक्ष को चेतावनी दी थी कि सीरिया में तुर्की के हवाई हमले अमेरिकी सेना के लिए खतरा बन रहे हैं.
अक्टूबर 2023 में, एक अमेरिकी F-16 फाइटर जेट ने तुर्की के एक ड्रोन को मार गिराया. ड्रोन अमेरिकी सैनिकों से आधे किलोमीटर से भी कम दूरी पर अमेरिका-प्रतिबंधित सीमा में घुस आया था. अमेरिका तुर्की को बार-बार चेताता रहा है कि वो उसके सैन्य अड्डों के आसपास अपने ड्रोन न उड़ाए.
SDF को अमेरिकी समर्थन से नाराज रहता है तुर्की
कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) को तुर्की की तरह ही अमेरिका ने आतंकवादी समूह घोषित कर रखा है लेकिन अमेरिका SDF को आतंकी समूह नहीं मानता है. अमेरिका SDF को लगातार समर्थन देता रहा है जिसे लेकर तुर्की उससे नाराज रहता है. ISIS के खिलाफ अमेरिकी लड़ाई में SDF एक महत्वपूर्ण सहयोगी रहा है. सीरिया में लगभग 900 अमेरिकी सैनिकों के साथ मिलकर SDF कई सालों से ISIS के ठिकानों और आतंकवादियों के खिलाफ छापेमारी का काम करती रही है.
अमेरिका SDF के साथ अपनी इस साझेदारी को अहम मानता है. मध्य पूर्व के लिए शीर्ष अमेरिकी अधिकारी जनरल एरिक कुरिल्ला ने मंगलवार को सीरिया में कई ठिकानों का दौरा किया जिसमें उन्होंने अमेरिकी सैनिकों और एसडीएफ के लोगों के साथ मुलाकात की. बाद में उन्होंने इराक की यात्रा की, जहां उन्होंने आईएसआईएस को हराने और इराक, जॉर्डन, लेबनान और इजरायल सहित क्षेत्र में अपने सहयोगियों की सुरक्षा के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता दोहराई.
सीरिया के अंदर SDF के ठिकानों पर हमले अमेरिकी अधिकारियों के लिए चिंता का कारण बन गए हैं. इसे देखते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इसी हफ्ते तुर्की का दौरा करेंगे
असद के पतन के बाद से सीरिया से जारी हैं अमेरिका, तुर्की और इजरायल के हमले
सीरिया में असद शासन के पतन के कुछ समय बाद अमेरिकी सेना ने ISIS पर सालों का अपना सबसे बड़ा अटैक किया है. अमेरिका ने B-52 बमवर्षक, F-15 और A-10 का इस्तेमाल कर 75 से अधिक ISIS ठिकानों पर हमला किया. तुर्की और इजरायल भी अपना हित साधने के लिए सीरिया में तेजी से कार्रवाई कर रहे हैं.
इजरायल ने सीरिया के बड़े हिस्सों पर बमबारी की है जिसमें हथियार बनाने की जगह, सीरियाई जेट, नौसेना की संपत्तियां और रासायनिक हथियार स्थल शामिल हैं.
8 दिसंबर को ISIS के ठिकानों पर हमले के बाद, अमेरिकी अधिकारी जनरल कुरिल्ला ने कहा कि ‘इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि अमेरिका ISIS को सीरिया की स्थिति का फायदा उठाने की अनुमति नहीं देगा.
उन्होंने कहा, ‘सीरिया में सभी संगठनों को पता होना चाहिए कि अगर वे किसी भी तरह से ISIS के साथ साझेदारी करते हैं या उसका समर्थन करते हैं तो हम उन्हें जवाबदेह ठहराएंगे.’