टाटा समूह की एअर इंडिया ने वाणिज्यिक विमानन इतिहास की सबसे बड़ी डील की है. इसके तहत एअर इंडिया ने 470 यात्री विमान खरीदने के लिए फ्रांस की एयरबस और अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग के साथ अरबों डॉलर का सौदा किया है.
एयरबस के साथ हुई डील 100 अरब डॉलर से भी ज्यादा की है. इसके तहत 40 वाइड बॉडी A350 एयरक्राफ्ट, 210 नैरोबॉडी सिंगल-आइजल A320 नियोस एयरक्राफ्ट मिलेंगे.
वहीं, बोइंग से हुई डील 34 अरब डॉलर की है. इसके तहत एअर इंडिया को 190 B737 मैक्स विमान, 20 B787 विमान और 10 B777 एक्स विमान की डिलीवरी होगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने एयरबस डील को लेकर कहा- यह महत्वपूर्ण डील भारत और फ्रांस के बीच गहरे होते संबंधों के साथ-साथ भारत के सिविल एविएशन सेक्टर की सफलता को दिखाता है. भारत के ‘मेक इन इंडिया – मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन के तहत एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग में कई नए अवसर खुल रहे हैं.
एयरबस के मुख्य कार्यकारी गुइलौमे फाउरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रतन टाटा, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अन्य नेताओं के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा, “एयरबस के लिए एअर इंडिया के पुनरुद्धार में मदद करने के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है.”
एयरबस का लंबी रेंज वाला विमान 17 हजार किलोमीटर तक नॉन स्टॉप उड़ान भर सकता है. इसमें एक बार में 300 से 410 यात्री सफर कर सकते हैं. नैरो बॉडी प्लेन ऐसे विमान होते हैं, जिनमें सीट के बीच में बस एक गलियारा होता है. जबकि वाइड बॉडी प्लेन में सीट के बीच में एक ज्यादा गलियारे हो सकते हैं.
टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भी शामिल हुए. बोइंग के साथ हुए सौदे की जानकारी खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दी. उन्होंने इस डील को ऐतिहासिक बताया.
जो बाइडन ने कहा, ‘यह खरीद यूएस के 44 राज्यों में 10 लाख से अधिक अमेरिकी नौकरियों का समर्थन करेगी. यह घोषणा अमेरिका-भारत आर्थिक साझेदारी की ताकत को भी दर्शाती है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मैं अपनी साझेदारी को और भी गहरा करने की आशा करता हूं.’
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने भी इस डील पर खुशी जताई है. उन्होंने ट्वीट किया कहा- ‘इस समझौते से ब्रिटेन को भी फायदा होगा. एयरबस के विमान के इंजन ब्रिटिश कंपनी रोल्स-रॉयस बनाती है. रोल्स-रॉयस विमान इंजन बनाने वाली दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है.’
एअर इंडिया 27 जनवरी 2022 से प्राइवेट हो गई. टाटा ग्रुप ने 18000 करोड़ रुपये में इसे टेकओवर कर लिया था. एअर इंडिया का अधिग्रहण करने के बाद से टाटा ग्रुप अपनी फ्लीट में सुधार के लिए एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरर्स के साथ बातचीत में लगा है.