पीएम मोदी ब्रिक्स समिट (सम्मेलन) में हिस्सा लेने के लिए रूस के लिए रवाना हो चुके हैं.
रूस के कजान में एक मंच पर कई देशों के नेता जुटेंगे. ब्रिक्स समिट के दौरान पीएम मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन समेत कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी होगी. पीएम मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दो दिन के दौरे पर रहेंगे.
ब्रिक्स देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक
इस बार के ब्रिक्स सम्मेलन में आर्थिक सहयोग, जलवायु परिवर्तन और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने पर जोर होगा. इस दौरान पीएम मोदी ब्रिक्स सदस्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे. बता दें कि पीएम मोदी के स्वागत को लेकर रूस के कजान शहर में जोरो-शोरों से तैयारी की जा रही है. भारतीय समुदाय के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.
भारत ने कहा कि वह ब्रिक्स के लिए महत्वपूर्ण है और उसके योगदान ने आर्थिक विकास एवं वैश्विक शासन सुधार जैसे क्षेत्रों में समूह के प्रयासों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
रूस रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने क्या कहा
पीएम मोदी ने रूस रवाना होने से पहले कहा कि मैं आज रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कज़ान की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहा हूं. भारत ब्रिक्स में आपसी सहयोग को महत्व देता है पिछले साल नए सदस्यों को जोड़ने के साथ ब्रिक्स के विस्तार ने इसकी समावेशिता और वैश्विक भलाई के एजेंडे को और मजबूत किया है. कज़ान की मेरी यात्रा भारत और रूस के बीच की साझेदारी को और मजबूत करेगी. मैं ब्रिक्स के अन्य नेताओं से भी मिलने के लिए उत्सुक हूं.
पीएम मोदी और पुतिन के बीच होगी क्या बातचीत
रूसी शहर कजान में ब्रिक्स सम्मेलन के मौके पर मंगलवार को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे तब भारतीय पक्ष बाकी भारतीयों को छोड़े जाने का मुद्दा उठा सकता है. पीएम मोदी ने जुलाई में मॉस्को में पुतिन के साथ अपनी वार्ता के दौरान रूसी सेना में कार्यरत भारतीय नागरिकों को जल्द छोड़ दिये जाने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था.
क्या है ब्रिक्स सम्मेलन
ब्रिक्स सहयोग तंत्र का जन्म उभरते बाजार देशों और विकासशील देशों के सामूहिक उदय के युग में हुआ था. कई सालों के विकास के बाद, इसके दायरा और बढ़ता गया. हाल के सालों में ब्रिक्स देशों ने नव विकास बैंक और इमरजेंसी रिजर्व सिस्टम की स्थापना के जरिए से विकास परिणामों और अवसरों को ज्यादातर विकासशील देशों तक पहुंचने के लिए आगे बढ़ाया. ब्रिक्स वैश्विक सहयोग और बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण शक्ति बन गया है.