छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बुधवार को मुठभेड़ में सुरक्षा बल ने दो नक्सलियों को ढेर कर दिया।
मारे गए नक्सलियों की पहचान आठ लाख रुपये की इनामी डिविजनल कमेटी सदस्य 36 वर्षीय मनीला पदम और 2007 में दंतेवाड़ा जेल ब्रेक के आरोपित एक लाख के इनामी नक्सली गुजाकोंटा मिलिशिया कमांडर 40 वर्षीय मंगलू कुडि़यम के रूप में की गई है।
सुबह लगभग सात बजे नक्सलियों से मुठभेड़ हुई
बीजापुर के एसपी जितेन्द्र यादव ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि कोरंजेड़ के जंगलों में मद्देड़ एरिया कमेटी एसीएम बुचन्ना, विश्वनाथ, बामन व अन्य 15-20 सशस्त्र नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना पर डीआरजी बीजापुर की टीम अभियान पर निकली थी। अभियान के दौरान बुधवार की सुबह लगभग सात बजे नक्सलियों से मुठभेड़ हुई।
भारी मात्रा में दवाइयां व विस्फोटक बरामद
घटनास्थल से दोनों नक्सलियों के शव के साथ 7.66 एमएम का एक पिस्टल व 12 बोर बंदूक, 30 हजार रुपये नकद व अन्य सामान पुलिस को मिले हैं। वहीं, सुकमा जिले के केरलापाल थाना क्षेत्र के सिमले व गोगुड़ा क्षेत्र से बुधवार को नक्सलियों के दरभा डिविजन की मेडिकल प्रभारी व नक्सलियों की डॉक्टर बारसे मुये को पुलिस ने पकड़ा है। उस पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था। उसके पास से भारी मात्रा में दवाइयां व विस्फोटक भी पुलिस को मिले हैं। नक्सली डॉक्टर को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
दंतेवाड़ा में 10 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
दंतेवाड़ा जिले में चलाए जा रहे लोन वर्राटू (घर वापस आइए) कार्यक्रम से प्रभावित होकर 10 नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में आत्मसमर्पण कर दिया। समर्पण के बाद इन्होंने नक्सल संगठन में स्थानीय युवकों के साथ किए जाने वाले अपमान और उपेक्षा की पोल खोली। लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 180 इनामी सहित कुल 815 नक्सली आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं।