इजरायल और वेस्ट बैंक में स्थित भारतीय मिशन रफाह में मारे गए कर्नल (रिटायर्ड) वैभव अनिल काले के शव को भारत लाने में मदद करेंगे।
यह जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी है। संयुक्त राष्ट्र के सिक्युरिटी कोआर्डिनेशन आफीसर के रूप में गाजा के रफाह में कार्यरत काले का वाहन सोमवार को इजरायली हमले का शिकार हो गया था जिसमें उनकी मौत हो गई थी। संयुक्त राष्ट्र ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
मिशनों में नियुक्त अधिकारी सक्रिय हो गए हैं
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि भारत के संयुक्त राष्ट्र (न्यूयार्क), तेल अवीव (इजरायल) और रामल्ला (वेस्ट बैंक) में कार्यरत मिशन कर्नल काले का शव भारत पहुंचाने में मदद करेंगे। साथ ही घटना की जांच के लिए सक्रिय प्रयास करेंगे। इस सिलसिले में मिशनों में नियुक्त अधिकारी सक्रिय हो गए हैं।
बयान में कर्नल काले के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया गया है और उनके परिवार के प्रति संवेदना जताई गई है। मुंबई के नजदीक ठाणे में रह रहा कर्नल काले का परिवार इस हादसे से सदमे में है। आवास पर सन्नाटे के हालात हैं।
रफाह की घटना हमारे लिए बड़ा झटका
दिवंगत काले की रिश्तेदार मुग्धा अशोक काले ने कहा, रफाह की घटना हमारे लिए बड़ा झटका है। हमें वैभव की मौत की सूचना पर विश्वास नहीं हो रहा है। हमें पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी भी नहीं है। हमारे लिए वैभव अभी भी जिंदा हैं। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने अपने वाहन पर हुए हमले की जांच शुरू कर दी है। इस वाहन पर सवार कर्नल काले की मौत हुई थी और जार्डन मूल का उनका सहकर्मी घायल हुआ था। गाजा में यह संयुक्त राष्ट्र के पहले विदेशी कर्मी की मौत थी।
संयुक्त राष्ट्र ने कर्नल काले की मौत पर शोक जताया है
संयुक्त राष्ट्र ने कर्नल काले की मौत पर शोक जताया है और पूर्व सेना अधिकारी की मौत पर भारत से खेद व्यक्त किया है। विदित हो कि काले ने 2022 में सेना से स्वैच्छिक अवकाश ग्रहण कर लिया था और तीन सप्ताह पूर्व वह संयुक्त राष्ट्र की सेवा में शामिल हुए थे।