झारखंड में चंपाई सोरेन के नेतृत्व वाली जेएमएम सरकार में पार्टी के चार विधायकों को मंत्री बनाए जाने को लेकर कांग्रेस विधायकों के एक वर्ग में गहरी नाराजगी है.
इस वजह से पार्टी के कम से कम 12 विधायकों ने धमकी दी है कि अगर मंत्रियों की जगह नए चेहरे नहीं लाए गए तो वो 23 फरवरी से होने वाले विधानसभा सत्र का बहिष्कार करेंगे और जयपुर जाएंगे. चंपाई सोरेन सरकार में पार्टी के चार विधायकों को शामिल किए जाने को लेकर कांग्रेस के 12 असंतुष्ट विधायकों में से 8 पार्टी आलाकमान के सामने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए शनिवार शाम को दिल्ली पहुंचे थे.
जेएमएम नेतृत्व वाले गठबंधन में कुल 47 एमएलए हैं. इसमें से 29 जेएमएम, कांग्रेस के 17 और आरजेडी का 1 एमएलए शामिल है. आलमगीर आलम, रामेश्वर ओरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को दोबारा मंत्री पद देने के कांग्रेस के फैसले से नाखुश विधायकों ने शुक्रवार को शपथ ग्रहण समारोह से ठीक पहले रांची सर्किट हाउस में हंगामा किया और इसका बहिष्कार करने की योजना बनाई.
हालांकि, झारखंड कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर और पीसीसी चीफ राजेश ठाकुर के समझाने पर विधायक समारोह में शामिल होने के लिए राजभवन पहुंचे. हम सभी चार मंत्रियों की जगह नए मंत्री चाहते हैं… हम 12 एमएलए इसमें एक साथ हैं और इन चारों मंत्रियों की जगह नए मंत्रियों को लाए जाने की मांग करते हैं. हम इस पर आलाकमान के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.
एमएलए कुमार जयमंगल और अनूप सिंह ने पीटीआई से कहा, ”हम हर डिवीजन से एक मंत्री चाहते हैं जो राज्य के सभी पाचों डिवीजन को कवर करें. साथ ही हम राहुल गांधी के एक पोस्ट पर एक मंत्री को रखे जाने के नियम को लागू कराना चाहते हैं.” बेरमो विधायक ने कहा कि अगर वे जल्द ही पार्टी के राज्य और केंद्रीय नेतृत्व से कुछ भी सुनने में विफल रहे, तो जयपुर जाने के लिए और झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का बहिष्कार करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.
जयमंगल ने मांग करते हुए कहा, “कांग्रेस के पास 17 और जेएमएम के पास 29 विधायक हैं. जेएमएम ने पहले ही मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष का पद ले लिया है. उनके पास छह मंत्री पद हैं और हम सिर्फ एक पद चाहते हैं. हम उस पर कोई समझौता नहीं कर रहे हैं. अगर आलमगीर आलम के पद को बरकरार रखा गया तो उन्हें कांग्रेस विधायक दल के नेता का पद छोड़ देना चाहिए.”
उन्होंने कहा कि 12 विधायकों का समूह पहले ही इस मामले पर पार्टी प्रमुख को एक हस्ताक्षरित पत्र सौंप चुका है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और महागामा विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कहा, “हम चाहते हैं कि पार्टी मंत्रियों को बदले और नए चेहरों को मौका दे. अधिक महिला चेहरों को जोड़ने के बजाय, उन्होंने सिर्फ एक महिला मंत्री को बरकरार रखा है… आप इसे किस तरह से उचित ठहराएंगे.”
पिछली हेमंत सोरेन सरकार में उत्पाद शुल्क मंत्री बेबी देवी को महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण विभाग दिए गए थे. देवी ने अपने पति जगन्नाथ महतो की मृत्यु के बाद 2023 में डुमरी उपचुनाव लड़ा था. मनोहरपुर से जेएमएम की वरिष्ठ विधायक जोबा मांझी, जो हेमंत सोरेन सरकार में महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा मंत्री थीं, को उनके पद से हटा दिया गया है. ऐसे में मांडर कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने भी अपना असंतोष व्यक्त किया है. उन्होंने कहा, “पिछले चार वर्षों के दौरान, हमें दिए गए कोटा पर बहुत अस्वीकृति और निराशा हुई… चूंकि अचानक अवसर आया था और चंपाई सोरेन जी के तहत एक नया मंत्रिमंडल बन रहा था तो सभी को उम्मीद थी कि फेरबदल होगा.”
तिर्की ने कहा, “शुरुआत में, शपथ ग्रहण समारोह 8 फरवरी को निर्धारित किया गया था. जब इसे स्थगित कर दिया गया, तो हमें आश्वासन दिया गया कि फेरबदल होगा. लेकिन यह बहुत निराशाजनक था जब हमने देखा कि कोई बदलाव नहीं हुआ और जो लोग खुले तौर पर बीजेपी की प्रशंसा कर रहे थे, उन्हें बरकरार रखा गया है.”
उन्होंने कहा, “नए चेहरों को मौका क्यों नहीं दिया गया… इस वजह से ये नाराजगी है… हम शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करना चाहते थे लेकिन हमारे प्रदेश प्रभारी ने वादा किया कि इस पर दिल्ली में चर्चा होगी. यह 2 या 4 विधायकों के बारे में नहीं है. यह 12 विधायक हैं, जो साथ में आवाज उठा रहे हैं. आप चाहे किसी को भी विधायक बनाएं… चाहे आप उन्हें जाति के आधार पर बनाएं लेकिन हम नए चेहरे चाहते हैं… हम ऐसे विधायक चाहते हैं जो लोगों के लिए काम करें. इन विधायकों ने पिछले चार सालों में कुछ नहीं किया है तो ऐसे में हम कैसे यकीन कर लें कि अब ये काम करेंगे.”
कांग्रेस आलाकमान ने हमें विश्वास दिलाया है कि इस बारे में चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा, ”हमने केसी वेणुगोपाल को स्पष्ट कर दिया है कि हम वरिष्ठ नेताओं से बात करना चाहते हैं.”