बार-बार समन भेजने के बाद भी नहीं आए सीएम केजरीवाल, ED पहुंची कोर्ट, 7 फरवरी को सुनवाई

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दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) के खिलाफ ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है. ईडी अब केजरीवाल की शिकायत लेकर कोर्ट पहुंच गई है.

पिछले साल दो नवंबर, 21 दिसंबर और इस साल तीन जनवरी तथा 18 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष उपस्थित होने संबंधी उसके समन को टाल चुके हैं. पांचवें समन पर भी अरविंद केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हुए.

दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित आबकारी नीति घोटाले (Delhi Excise Policy) से जुड़े धन शोधन मामले में पेश नहीं होने पर शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्‍ली एक अदालत में शिकायत दाखिल की. शिकायत अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा के समक्ष दाखिल की गई, जिन्होंने मामले की अगली सुनवाई सात फरवरी को तय की.

ईडी को अदालत का दरवाजा इसलिए खटखटाना पड़ा है, क्‍योंकि अरविंद केजरीवाल समन पर पेश नहीं हो रहे हैं. केजरीवाल शुक्रवार को पांचवें समन पर भी ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए. ईडी ने उन्हें बुधवार को यह समन जारी किया था. पिछले चार महीनों में चार बार तलब किए जाने के बावजूद समन को गैर कानूनी बताते हुए वह ईडी के सामने पेश नहीं हुए.

दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री केजरीवाल पिछले साल दो नवंबर, 21 दिसंबर और इस साल तीन जनवरी तथा 18 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष उपस्थित होने संबंधी उसके समन को टाल चुके हैं.

मुख्यमंत्री केजरीवाल के पास किसी भी विभाग का प्रभार नहीं है. केजरीवाल ने पूर्व में ईडी को एक पत्र लिखकर समन को “गैर कानूनी और राजनीति से प्रेरित” बताया था. केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि समन का उद्देश्य उन्हें लोकसभा चुनाव प्रचार करने से रोकना है.

आम आदमी पार्टी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं.

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में शामिल होने के आरोप में न्यायिक हिरासत में हैं.

आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने संबंधी दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति में उन कुछ शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी. हालांकि, आम आदमी पार्टी आरोपों का बार-बार खंडन करती रही है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते हुए उन्हें हमेशा (जांच से) भागने वाला ‘भ्रष्टाचार का बेताज बादशाह’ करार दिया. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक अजीब स्थिति है। दिल्ली के लोग आज केजरीवाल को भगोड़ा कहने के लिए मजबूर हैं.

हालांकि, विवाद बढ़ने पर बाद में इस नीति को वापस ले लिया गया था और दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सिफारिश की थी. इसके बाद ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था.

केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला ने शनिवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी न तो कभी प्राथमिकता थी और न ही लक्ष्य. रुपाला ने एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केजरीवाल को समन जारी करके जांच में शामिल होने के लिए कहा है, लेकिन वह सहयोग नहीं कर रहे हैं.

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