चंपाई सोरेन को राज्यपाल ने दिया सरकार बनाने का न्योता, शुक्रवार को होगा शपथ ग्रहण

सूत्रों का कहना है कि हॉर्स ट्रेडिंग (विधायकों की खरीद-फरोख्त) की आशंका थी जिससे महागठबंधन के विधायकों को रांची से हैदराबाद शिफ्ट किया जा रहा था. हालांकि बाद में ऐसा नहीं किया गया.

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झारखंड में सियासी संकट (Jharkhand Crisis) के बीच राज्यपाल ने चंपाई सोरेन (Champai Soren) को सरकार बनाने का न्योता दे दिया है.

शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार को होगा. इस बीच सूत्रों के मुताबिक, झारखंड में ‘रिसॉर्ट पॉलिटिक्स’ भी चलती रही. सूत्रों का कहना है कि हॉर्स ट्रेडिंग (विधायकों की खरीद-फरोख्त) की आशंका थी जिससे महागठबंधन के विधायकों को रांची से हैदराबाद शिफ्ट किया जा रहा था. हालांकि बाद में ऐसा नहीं किया गया. चंपाई सोरेन की राज्यपाल से मुलाकात के बाद विधायकों को सर्किट हाउस में रोका गया है.

पहले सूत्रों ने बताया था कि महागठबंधन के सिर्फ 5 विधायकों को रांची में रोकने की योजना थी. इनमें JMM के चंपाई सोरेन, कांग्रेस के आलमगीर आलम, प्रदीप यादव, RJD के सत्यानंद भोक्ता और CPI (ML) के विनोद सिंह शामिल थे. इन्हें छोड़कर बाकी सभी को हैदराबाद भेजा जा रहा था. तय किया गया था कि चंपाई समेत 5 विधायक सियासी संकट के बीच रांची में ही रहकर रणनीति तैयार करेंगे.

सत्ताधारी गठबंधन ने विधायकों को एक महंगे लग्जरी रिसॉर्ट में बाकी दुनिया से आइसोलेट करके रखने की योजना बनाई थी. विधायकों को तेलंगाना इसलिए ले जाया जा रहा था, क्योंकि वहां अब कांग्रेस की सरकार है. माना जा रहा था कि महागठबंधन के विधायक वहां महफूज रहेंगे. उधर बीजेपी ने भी दो फरवरी को अपने विधायक दल की बैठक बुलाई है.

राजभवन में विधायकों की कराई गई गिनती

राज्यपाल से मुलाकात से पहले चंपाई सोरेन ने राजभवन में विधायकों की गिनती भी कराई. सोशल मीडिया पर इसका एक वीडियो शेयर किया गया. वीडियो में देखा जा सकता है कि चंपाई सोरेन से गिनती की शुरुआत होती है. जैसे ही कैमरा घूमता है, विधायक अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए हाथ उठाते हैं. बताया जा रहा है कि इस वीडियो को कथित तौर पर बहुमत के सबूत के तौर पर राज्यपाल को भी दिखाया गया.

राज्यपाल से मुलाकात के बाद महागठबंधन विधायक दल के नेता चंपाई सोरेन ने कहा था कि- “हमने बुधवार को नई सरकार बनाने का दावा पेश किया था. हमने राज्यपाल से कहा कि हम इस विषय पर क्लियर हैं. हमने उनसे इसे जल्दी करने का अनुरोध किया है. उन्होंने (राज्यपाल) भी कहा है कि वो जल्द ही करेंगे.”

बुधवार को चुने गए विधायक दल के नेता

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नेता हेमंत सोरेन ने बुधवार को जमीन घोटाला केस में ईडी की गिरफ्तारी से पहले सीएम पद से इस्तीफा दिया था. इसके तुरंत बाद महागठबंधन विधायक दल की बैठक में चंपाई सोरेन को नेता चुन लिया गया था. कल शाम को ही चंपाई सोरेन ने राज्यपाल को पत्र लिखा था और उनसे सरकार के गठन पर जल्द से जल्द निर्णय लेने का आग्रह किया था.

राज्यपाल को सौंपा था 47 विधायकों के समर्थन का लेटर

चंपाई सोरेन ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को लिखे पत्र में स्पष्ट किया था कि , “हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद ही मेरे नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश किया गया है. हमने 47 विधायकों के समर्थन के दावे और 43 विधायकों की साइन का समर्थन पत्र आपको सौंपा है. 43 विधायक बुधवार को राजभवन के गेट के बाहर भी खड़े थे. पिछले 18 घंटों से राज्य में कोई सरकार नहीं है. इससे असमंजस की स्थिति है. इसलिए आग्रह है कि सरकार बनाने के लिए हमें बुलाया जाए.”

महागठबंधन के पास बहुमत

झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले महागठबंधन के पास बहुमत है. 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में बहुमत के लिए 43 विधायकों की जरूरत है. गठबंधन के पास 48 विधायक हैं. JMM के 29, कांग्रेस के 17, RJD का एक और CPI(ML) का एक MLA है. इनमें से 43 सदस्य चंपाई सोरेन के साथ राजभवन पहुंचे थे.

एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए हेमंत सोरेन

इधर, जमीन घोटाले में गिरफ्तार हुए झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को कोर्ट ने एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है. PMLA कोर्ट उनकी रिमांड पर गुरुवार को फैसला सुनाएगी. ED ने पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन की 10 दिन की रिमांड मांगी है.

सुप्रीम कोर्ट में अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई

इस बीच हेमंत सोरेन की याचिका पर पर हाईकोर्ट ने कहा कि मामले में अर्जेंसी नहीं दिखती. कपिल सिब्बल ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है.

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